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अब भद्रावती को द्रव्यवती जैसी बनाने का लक्ष्य

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करौली. नगरपरिषद के सभापति राजाराम गुर्जर का कहना है कि अगले एक साल का उनका मुख्य लक्ष्य करौली की जीवनदायनी भद्रावती नदी को जयपुर की द्रव्यवती नदी की तर्ज पर संरक्षित करने का है। इसके लिए वे हर संभव जतन करेंगे।अपने कार्यकाल के ४ वर्ष पूर्ण होने पर पत्रिका से बातचीत में राजाराम ने कहा कि उन्होंने चार साल में करौली शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इतनी उपयोगी सड़कों का निर्माण कराया है जो पहले कभी किसी ने नहीं कराया। सड़कों के इस जाल से कई लिंक रास्तों के खुलने से आवागमन में सुविधा मिली है। इसके अलावा बिजली-पानी और सार्वजनिक शौचालयों जैसी समस्याओं का समाधान भी किया गया है। सवाल- चार साल की आपकी प्रमुख उपलिब्धजवाब- करौली शहर में १०० करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्य कराए गए हैं। यह कार्य करौली परिषद के इतिहास में अभी तक सबसे अधिक है। इससे पहले १० करोड़ से अधिक के कार्य नहीं हुए थे। हमने विकास का रिकॉर्ड बनाया है।
सवाल- आपकी क्या प्राथमिकताएं रहींजवाब- कार्यभार संभाला तब शहर के मार्गों की हालात खराब थी। इस कारण सड़कों के कार्य को प्राथमिकता से कराया गया। करौली शहर के मोहल्ले, गली व ढाणियों को सड़कों से जोड़ दिया गया है। शिकारगंज से दुर्गेसी घटा, गौरवपथ, जगदम्बा लॉज से शुक्ल खिड़किया तक की सड़क प्रमुख रुप से शामिल हैं।
सवाल-विशेष कार्य जिसे लोग याद रखना चाहेंगेजवाब- करौली के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बैठे हनुमान मंदिर पर ढाई करोड़ रुपए का कार्य कराया, जिससे यह स्थान पर्यटक का केन्द्र बना है। मंदिर के मार्ग पर वर्षो से हो रहे अतिक्रमण को हटाया गया। मोक्षधाम पर कराए गए विकास को भी याद किया जाएगा।
सवाल-सड़कों के अलावा विकास कार्यजवाब- शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। प्रत्येक मोहल्ले में सार्वजनिक रोशनी को पुख्ता करने के लिए एलईडी लाइट, सार्वजनिक स्थान पर वाटर कूलर, नलकूप स्थापित किए गए। सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए घर-घर कचरा संग्रहण करना शुरू किया गया। सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया जिनमें कई वातानकूलित हैं।
सवाल-अगले साल की प्लानिंगजवाब-राजस्थान पत्रिका के अमृतम जलम अभियान के तहत करौली की जीवनदायनी भद्रावती नदी में श्रमदान किया गया, तब इसी नदी को जयपुर की द्रव्यवती नदी बनाने की घोषणा की।अब शेष कार्यकाल में एक मात्र कार्य अभियान के तौर पर इस नदी को सरक्षण व उसे जयपुर की द्रव्यवती नदी बनाना जैसा कार्य ही किया जाएगा।

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