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पत्रिका की विश्वसनीयता का कोई सानी नहीं: संभागीय आयुक्त

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सीकर. राजस्थान पत्रिका के समाचारों की विश्वसनीयता आज भी समाज में सबसे ज्यादा है। मीडिया जगत में प्रतिस्पर्धा बढऩे के बाद भी राजस्थान पत्रिका अपनी प्रमाणिकता को कायम रखने में सफल रहा है, यह बड़ी बात है। पत्रिका ने टीम भावना के दम पर कोरोनाकाल का जिस तरह से मुकाबला कर समाज में जागृति लाने का काम किया वह बेहद सराहनीय है। यह बात जयपुर संभाग के संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा (Divisional Commissioner Dr Samit Sharma) ने राजस्थान पत्रिका सीकर संस्करण के कोरोना कर्मवीर सम्मान समारोह के वर्चुअल कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में समाज में कई तरह की भ्रांतियां भी फैली लेकिन पत्रिका ने समाचारों के जरिए आईना दिखाने का काम किया। इस दौरान राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कर्पूर चंद्र कुलिश के विचारों से सभी को अवगत कराया गया। पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का वीडियो संदेश सुना और सभी ने उसे जीवन में आत्मसात करने का संकल्प दोहराया। कार्यक्रम में कोरोनाकाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पत्रिकाकर्मियों को मेडल व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
पत्रिका के समाचार सटीक व निष्पक्षवर्चुअल आयोजन में संभागीय आयुक्त डॉॅ. शर्मा ने कहा कि राजस्थान पत्रिका के समाचार पूरी तरह सटीक और निष्पक्ष होते हैं। उन्होंने कहा कि कई मुद्दों पर पत्रिका ने पिछले दिनों समाचार प्रकाशित किए। इन पर जिम्मेदारों से जवाब भी मांगा गया है।
डॉक्टरी की पढ़ाई से लेकर प्रशासनिक सेवा तक पत्रिका साथसंभागीय आयुक्त ने कहा कि आठवीं क्लास से वे पत्रिका के नियमित पाठक है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई के दौरान के संस्मरण भी साझा किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में महत्वपूर्ण यह है कि कौनसा समाचार पत्र कितना विश्वसनीय है। पत्रकारिता के सभी मापदंडों पर पत्रिका खरा है और इसका कोई सानी नहीं है।
‘आपद सांमी डट गया…पत्रिका कर्मवीर..’कोरोना कर्मवीरों को दिए गए मेडल पर मायड़ भाषा में कर्मचारियों के कृतित्व को दर्शाता दोहा भी उकेरा गया है। आपद सांमी डट गया, आप पत्रिका-वीर। मन सूं तप सूं कर्म सूं अद्भुत लिखी नजीर।। अर्थात आपदा के समय आप सभी पत्रिका कर्मवीरों ने डटकर मन से, तप से, कर्म से कर्तव्य की अद्भुत मिसाल लिख दी है।

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