लखीमपुर (Lakhimpur) में सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है. सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है. मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. साथ ही घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपियों को अरेस्ट करने का वादा भी किया गया है.
UP के ADG प्रशांत कुमार ने कहा, मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी. घायलों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे. किसानों की शिकायत पर FIR दर्ज की जाएगी. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे.
उन्होंने कहा कि CRPC की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है. हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की इजाजत है. लखीमपुर में हुई हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों पर हत्या, आपराधिक साजिश और बलवे का केस दर्ज हुआ है.
शर्तों पर सहमति बनने के बाद भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और एडीजी प्रशांत कुमार ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राकेश टिकैत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, गृहराज्य मंत्री और उनके बेटे के खिलाफ केस दर्ज हो गया है और प्रशासन ने जो समय मांगा है अगर उसके अंदर इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं अपील करता हूं कि अब मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया जाए और अगर पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं करती तो हम बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे.
यह केस बहराइच के नानपारा के रहने वाले जगजीत सिंह की तहरीर पर तिकुनिया थाने में लिखा गया है. इधर, मंत्री अजय मिश्र के ड्राइवर की तहरीर पर तिकुनिया थाने में ही अज्ञात किसानों पर हत्या, जानलेवा हमला, बलवा और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है.
प्रियंका ने हिरासत में झाड़ू लगाकर जताया विरोध
इधर, लखीमपुर जाते समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उन्हें सीतापुर के गेस्ट हाउस में रखा गया है. यहां प्रियंका गांधी ने गेस्ट हाउस के कमरे में झाड़ू लगाकर विरोध जताया. उनका यह वीडियो वायरल हो रहा है. कांग्रेस का कहना है कि झाड़ू लगाकर प्रियंका उन्हें हिरासत में लिए जाने का विरोध कर रही हैं. कांग्रेस ने प्रियंका के झाड़ू लगाने का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा- ये अनशन है अन्नदाता के अधिकार के लिए, संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए. भाजपाई हुकूमत हमारे लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकारों को नहीं कुचल सकती. गांधीजी के पथ पर चलते हुए अधिकारों की लड़ाई जारी रहेगी.
प्रियंका ने पुलिस को गिनाई धाराएं
हिरासत में लिए जाने पर प्रियंका आग बबूला हो उठीं. उन्होंने पुलिस से कहा- अरेस्ट करो हम खुशी से जाएंगे, लेकिन जिस तरह धक्का-मुक्की की गई. इसमें फिजिकल असॉल्ट, अटेंप्ट टू किडनैप, किडनैप, अटेंप्ट टू मोलेस्ट, अटेंप्ट टू हार्म की धाराएं लगती हैं. समझे. मैं समझती हूं. छूकर देखो मुझे. जाकर अपने अफसरों मंत्रियों से वारंट लाओ, ऑर्डर लाओ. महिलाओं को आगे मत करो. मुझे धकेल कर लाए हो. तुम्हारे प्रदेश में यह नहीं चलेगा. देश का कानून चलेगा.
प्रियंका ने कहा- हेलो सीओ साहब ऑर्डर कहां है? ऑर्डर निकालिए. कौन से ऑर्डर से रोका है आपने मुझे. इसमें मुझे बिठाओगे? ये है लीगल स्टेटस तुम्हारा. इस पर सीओ ने पुलिस वालों को आदेश किया कि पहले (प्रियंका गांधी को) तो अरेस्ट करो.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, उन्होंने (पुलिस) मुझे कोई कागजात नहीं दिखाए. अगर वो मुझे कोई कागजात नहीं दिखाते हैं तो मैं तो इसको अपहरण की कहूंगी. उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया कि मुझे धारा 151 के तहत इस आधार पर गिरफ्तार किया गया कि मैं भविष्य में अपराध करने जा रही हूं. प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार केंद्रीय मंत्री के बेटे को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है. पुलिस कहां थी जब केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ाई. केंद्रीय मंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया अब तक. उनके बेटे को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. उन्होंने सवाल किया, ये किस तरह के राष्ट्रवादी हैं? जो ऐसे कानून बनाते हैं जो किसानों को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं?
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