सीकर. राजस्थान के सीकर शहर स्थित राजकीय जनाना अस्पताल में बने शिशु पालना गृह में गुरुवार सुबह परिजन अपने नवजात बालक को छोड़ गया। जिसे चिकित्साकर्मी तुरंत एनआईसीयू वार्ड में पहुंचे। जहां उसका अब भी उपचार किया जा रहा है। जनाना अस्पताल के शिशु वार्ड इंचार्ज जय सिंह शेखावत ने बताया कि गुरुवार को वह सुबह सात बजे से ड्यूटी पर थे। तभी करीब 7. 35 मिनट पर उन्हें शिशु पालना गृह का सायरन सुनाई दिया। जिसके बाद उन्होंने सहकर्मी सुमित्रा देवी को पालना गृह में भेजा। यहां एक नवजात मिला। जिसे तुरंत उपचार के लिए एनआईसीयू ले जाया गया। उन्होंने बताया कि 2250 ग्राम वजनी नवजात फिलहाल स्वस्थ है। पालना गृह में नवजात कन्या को छोडऩे के मामलों के बीच नवजात बालक को छोड़ जाना चर्चा का विषय रहा।
निजी अस्पताल में डिलीवरी की संभावनानवजात का जन्म घटना से करीब दो घंटे पहले ही होना बताया जा रहा है। अस्पतालकर्मियों के अनुसार नवजात को देखकर लगाता कि किसी निजी अस्पताल में प्रशिक्षित चिकित्साकर्मी द्वारा ही डिलीवरी करवाई गई है। फिलहाल मामले की जानकारी पुलिस को भी दे दी गई है। प्रसव छिपाने और शिशु को पालनागृह में छोडऩे को लेकर कोतवाली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
अस्पताल को भेंट की दो एंबुलेंसएंकर: सीकर में कोविड के चलते राजकीय जनाना अस्पताल में हुई एंबुलेंस की कमी दूर करने के लिए यूथ कांग्रेस की ओर से आज अस्पताल को दो अस्थाई एंबुलेंस उपलब्ध करवाई गई है। यूथ कांग्रेस नेता मुकुल खीचड़ की अगुआई में एंबुलेंस की चाबी अस्पताल प्रबंधन को सौंपी गई। खीचड़ ने बताया कि कोविड के चलते गर्भवती व प्रसूताओं को अस्पताल आने जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। ऐसे में अस्पताल को दो एंबुलेंस अस्थाई रूप से उपलब्ध करवाई गई है। जिसके पेट्रोल सहित अन्य खर्च उनकी टीम ही वहन करेगी। इस दौरान विधि महाविद्यालय के निवर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष राकेश गढ़वाल सहित यूथ कांग्रेस के पदाधिकारी, कार्यकर्ता व चिकित्साकर्मी मौजूद रहे।
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