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सीट शेयरिंग पर RJD का नया फार्म्यूला

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बिहार महागठबंधन में इस बार के विधानसभा चुनाव में कितने दल बचेंगे यह देखना अभी बाकी है. महागठबंधन में सीट शेयरिंग की वजह से जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा पहले ही अलग हो चुके हैं.
कांग्रेस के साथ अनबन के बीच अब RJD ने महागठबंधन के लिए सीट शेयरिंग का नया फार्म्यूला तैयार किया है. अब देखना यह है कि कांग्रेस इसे स्वीकार करती है या चुनाव के पहले महागठबंधन में एक और बिखराव होता है. 2015 विधानसभा चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस तीन दल का महागठबंधन था.
लेकिन 2017 में नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी के बाद RLSP, VIP, माले, CPI और CPM और HAM जैसी पार्टियां 2020 के चुनाव के लिए आरजेडी और कांग्रेस के साथ यानी महागठबंधन के साथ खड़ी हो गई थी. दरअसल महागठबंधन की रचना का मकसद एनडीए की सरकार हटाने के लिये विपक्षी मतों के बंटवारे को रोकना था.
लेकिन हालात ऐसे बने कि जीतनराम मांझी की पार्टी ‘हम’ एनडीए में शामिल हो गई और RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने तो मायावती के BSP के साथ मिलकर नया मोर्चा ही बना लिया. बताया जा रहा है कि अब सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस के नेता भी आरजेडी का नेतृत्व कर रहे लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव से नाराज हैं. मिली जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे का नया फार्म्यूला बनाया है.
बता दें कि आरजेडी की ओर से कांग्रेस को 58 विधानसभा की सीट के साथ वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट का ऑफर किया गया है. एक तरफ जहां कांग्रेस इसे मानने को तैयार नहींं तो दूसरी तरफ आरजेडी के नेता इससे अधिक सीट देने को राजी नहीं दिख रहे. ऐसे में तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में सीट शेयरिंग का नया फार्म्यूला तैयार किया है. सूत्र की माने तो सीट बंटवारे को लेकर इस नए फर्मूले में कांग्रेस की सीट 58 से बढ़ाकर 64 की गई है.
इसके अलावा कांग्रेस को यह भी कहा गया है कि वह आरजेडी के टिकट पर अपने 5 उम्मीदवार को चुनावी मौदान में उतारे. बता दें कि कांग्रेस की ओर से भी 70 से 75 सीट की उम्मीद की जा रही थी, ऐसे में आज दिल्ली में होने वाली बैठक में कांग्रेस इस नए फार्म्यूला पर मुहर लगा सकती है.
आरजेडी और कांग्रेस 210 और बची सीटों पर सहयोगी दल लड़ेंगे चुनाव
महागठबंधन को बचाकर रखने के लिए आरजेडी ने जो फार्म्यूला दिया है उसके तहत लेफ्ट (माले,सीपीआई,सीपीएम) को 22, मुकेश सहनी के वीआईपी को 6 और बचे 5 सीटों को झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुलायम सिंह यादव की पार्टी सपा को दी जाएगी. खुद आरजेडी 146 सीटों पर अपने उम्मीवार को चुनावी मैदान में उतारेगी. बता दें कि महागठबंधन में शामिल होने के बाद लेफ्ट की ओर से आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को 53 सीटों की सूची दी गई थी.
बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में भाकपा-माले 98 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे तीन सीटों पर जीत मिली थी, भाकपा 91 और माकपा 38 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन उन्हें कोई सीट नहीं मिली थी. यही वजह रही कि आरजेडी ने पिछला रिकार्ड देखते हुए भाकपा-माले, भाकपा एवं माकपा को उनकी मांग के मुताबिक सीटें देने को तैयार नहीं हुई.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जिस मिशन को लेकर महागठबंध का निर्माण किया था, आज वो अपने लक्ष्य से भटक चुका है. दरअसल 2017 में नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी के बाद लालू प्रसाद यादव ने बिहार के छोटे दलो के वोट का बिखराव रोकने के लिए अपने साथ जोड़ रहे थे. लेकिन लालू यादव के जेल में रहने की वजह से उनके छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरजेडी की कमान संभाल ली.
इसके बाद से ही महागठबंधन में शामिल कांग्रेस समेत तमाम घटक दल तेजस्वी के रवैये से नाराज होते चले गए. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी समय रहते महागठबंधन से बोरिया बिस्तर समेटा और एनडीए में वापस हो लिए. सीट शेयरिंग को लेकर RLSP प्रमुख ने भी राबड़ी आवास के साथ दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के दरवाजे तक पर दस्तक दी लेकिन उनकी बात कहीं नहीं सुनी गई.
उपेंद्र कुशवाहा ने अंतिम आस के तौर पर एनडीए का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हे देखते ही एनडीए ने दरवाजे के साथ खिड़की तक बंद कर ली. लिहाजा उपेंद्र कुशवाहा ने भी मायावती के BSP के साथ गठबंधन कर नया मोर्चा खोल दिया. अब आरजेडी और कांग्रेस को छोड़ महागठबंधन में ऐसी कोई पार्टी नही है जो चुनाव में वोट ट्रांसफर करा सके.
आज कांग्रेस के आलाकमान के साथ दिल्ली में बैठक हो रही है जिसमें आरजेडी के नए फार्मुले के साथ सीएम के चेहरे पर भी चर्चा की जाएगी. सूत्र की माने को कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते है कि 2020 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़े. इसके पिछे की सोच यह है कि इसबार अगर 243 सीटों पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा करती है तो पूराने कांग्रेसी भी साथ आएंगे और धीरे-धीरे ही सही कांग्रेस बिहार में तीस साल पहले की स्थिति में लौट सकती है.
अब देखना है कि आज सीट शेयरिंग पर दिल्ली में होने वाले कांग्रेस के स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक क्या होता है. बता दें कि इस बैठक में शामिल होने के लिए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा और सीएलपी नेता सदानंद सिंह दिल्ली बुलाया गया है. इस बैठक में बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी मौजूद रहेंगे.
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