Aajkal Rajasthan News जयपुर.
अशोक गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सहकारिता एवं कृषि से संबंधित विषयों पर समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी सहकारी संस्थाओं एवं कृषि मंडी समितियों के चुनाव समय पर कराये जाएं।
उन्होंने कहा कि इससे लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण की भावना को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि इसके लिए यदि नियमों या अधिनियम में बदलाव अथवा संशोधन की आवश्यकता हो तो किया जाए।25 हजार सहकारी संस्थाओं और 144 मंडियों के समय पर हो सकेंगे चुनावमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ग्राम सेवा सहकारी समितियों, दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों, क्रय विक्रय सहकारी समितियों, सहकारी उपभोक्ता भंडारों, राजफैड, कॉनफैड, सीसीबी, शीर्ष सहकारी संस्थाओं एवं मंडियों के समय पर चुनाव नहीं होने से इन संस्थाओं में जनभागीदारी कम होती है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश की लगभग 25 हजार सहकारी संस्थाओं और 144 कृषि मंडियों में समयबद्ध रूप से चुनाव हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने सहकारी संस्थाओं के चुनाव के लिए राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण में निर्वाचन प्राधिकारी की नियुक्ति कर दी है।
ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर उपलब्ध हो कृषि आदान
गहलोत ने रबी सीजन के लिए खाद-बीज की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि किसानों को कृषि आदान की उपलब्धता में कोई परेशानी नहीं आने दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य की ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर कृषि आदान-खाद, बीज एवं कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने इसके लिए जिला स्तर पर मॉनीटरिंग के भी निर्देश दिए।किसानों के लिए धन की कमी नहीं आने देंगेमुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को रबी सीजन के लिए सहकारी फसली ऋण वितरण के लिए धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में बजट का प्रावधान है।
उन्होंने निर्देश दिए कि कोई भी पात्र किसान फसली ऋण से वंचित नहीं हो। साथ ही अधिक से अधिक नए किसानों को फसली ऋण से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी किसानों को सुगमता से ऋण मिल सके, इसके लिए प्रयास किए जाएं।
किसानों को फसल बेचने में तकलीफ न आने दें
गहलोत ने कहा कि फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को समय पर मिले इसके लिए कृषि विपणन बोर्ड सभी पहलुओं पर विचार कर स्थाई व्यवस्था सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली मूंग, उड़द, सोयाबीन तथा मूंगफली की खरीद के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाने की उपलब्धता रखें। साथ ही उपज के भंडारण की भी पहले से ही पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जिससे कि किसानों को कोई तकलीफ न आए। मुख्यमंत्री ने फसलों के भावी दामों के आंकलन के लिए मार्केट इंटेलीजेंस प्रणाली विकसित करने के भी निर्देश दिए। इससे किसान बुआई से पूर्व ही सही फसल का चयन कर सकेंगे।
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Elections of cooperatives and mandis should be conducted on time