मोदी सरकार (Modi government) ने तालिबान (Taliban) से औपचारिक बातचीत शुरू कर दी है. अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से पूरी तरह वापसी हो चुकी है और भारत ने उसके बाद ही तालिबान से अधिकारिक स्तर पर बातचीत शुरू कर दी.
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल (Deepak Mittal) की मंगलवार को दोहा में तालिबान के नेताओं से मुलाकात हुई है. अमेरिकी विदेश मंत्री की तरफ से भी कहा गया है, अमेरिका कतर की राजधानी दोहा से ही अफगानिस्तान के मामलों को देखेगा और भारत भी ऐसा ही करता दिख रहा है.
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि मंगलवार को भारतीय राजदूत दीपक मित्तल (Deepak Mittal) ने कतर की राजधानी दोहा स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात की.
Press Release on the Meeting in Doha.Link : https://t.co/oyWaGXuHi9
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) August 31, 2021
आपको बता दें कि मोदी सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला बीजेपी के नेताओं के गले की फांस बन सकता है. तथा मीडिया के लिए भी थूक कर चाटने वाली बात होगी. क्योंकि भारतीय मीडिया लगातार तालिबान को आतंकवादी संगठन कह रही थी और बीजेपी के नेता भी तालिबान की आलोचना कर रहे थे, उसे आतंकवादी संगठन बता रहे थे.
बीजेपी के कई नेताओं ने और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में लगातार तालिबान को लेकर बयान दिया था. योगी आदित्यनाथ के बयानों को देखा जाए तो यह कहा जा सकता है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश का चुनाव तालिबान के मुद्दे पर भी लड़ने की सोच रही थी, तालिबान के नाम से ध्रुवीकरण करने की सोच रही थी.
ऐसे में अब केंद्र की मोदी सरकार तालिबान से औपचारिक तौर पर बातचीत की शुरुआत कर चुकी है. तो देखना यह होगा कि मीडिया तथा बीजेपी के नेता इस मुद्दे पर अब क्या राय रखते हैं, तथा अपने पिछले बयानों के लिए क्या सफाई पेश करते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कुछ वक्त पहले गुड तालिबान और बैड तालिबान को पूरी तरीके से नकार दिया था. उनका कहना था कि तालिबान आतंकवादी संगठन है और इसे गुड तालिबान और बैड तालिबान में बांटा नहीं जा सकता और अब खुद मोदी सरकार इस संगठन से बात कर रही है. तो देखना यह होगा कि क्या भारत सरकार एक आतंकवादी संगठन के साथ काम करेगी? या अपना नजरिया बदलेगी.
उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसकी तैयारियों में बीजेपी जोर-शोर से जुटी हुई है. बीजेपी के कई नेता तालिबान के नाम पर ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा दिखाने की कोशिश की जा रही है कि अगर उत्तर प्रदेश में बीजेपी हार गई तो तालिबान का राज आ जाएगा. तालिबान की आड़ में एक धर्म विशेष को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है.
तालिबान की महिलाओं के प्रति सोच को लेकर बीजेपी के कई बड़े नेता हैं पिछले दिनों बयानबाजी करते हुए नजर आए. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस गुड तालिबान और बेड तालिबान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद खारिज कर दिया था और बीजेपी के तमाम नेता इस संगठन को आतंकवादी संगठन मानते आए हैं और बयानबाजी देते आए हैं, ऐसे में अब बीजेपी के नेताओं की क्या राय रहती है अपनी ही सरकार के फैसले पर.
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