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किसानों से बातचीत में झुकी मोदी सरकार

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सरकार और किसानों के बीच 11वें राउंड की बैठक में कुछ हल निकल सकता है. केंद्र ने किसानों के सामने दो प्रपोजल दिए हैं. केंद्र ने किसानों से कहा है कि दो साल तक कृषि कानूनों को निलंबित किया जाएगा और MSP पर बातचीत के लिए नई कमेटी का गठन किया जाएगा. हालांकि, किसान कानूनों की वापसी पर ही अड़े हुए हैं.
सरकार के प्रपोजल पर किसान अलग बैठक कर रहे हैं. विज्ञान भवन में जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 40 किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत शुरू की थी तो किसानों ने केवल कानून वापसी की ही मांग उठाई. लंच के दौरान किसानों ने कहा कि सरकार हमारी प्रमुख मांगों पर कोई बातचीत नहीं कर रही है. MSP को लेकर हमने चर्चा की बात कही तो केंद्र ने कानूनों का मुद्दा छेड़ दिया.
किसान नेताओं ने आंदोलन से जुड़े लोगों को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की तरफ से नोटिस भेजने का भी विरोध किया. संगठनों ने कहा कि NIA का इस्तेमाल किसानों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है. इस पर सरकार ने जवाब दिया कि अगर ऐसा कोई बेगुनाह किसान आपको दिख रहा है तो आप लिस्ट दीजिए, हम ये मामला तुरंत देखेंगे.
टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल बुजुर्ग किसान धन्ना सिंह की बुधवार को मौत हो गई, मौत की वजह अभी पता नहीं चल पाई है. उधर, 42 साल के किसान जय भगवान राणा की भी मौत हो गई. रोहतक जिले के रहने वाले राणा ने मंगलवार को सल्फास खा ली थी. वे टीकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल थे. राणा ने सुसाइड नोट में लिखा- अब यह आंदोलन नहीं रहा, बल्कि मुद्दों की लड़ाई बन गई.
एक्सपर्ट कमेटी की किसानों से पहली मीटिंग कल
कृषि कानूनों के मुद्दे पर समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई कमेटी के 3 सदस्यों ने मंगलवार को दिल्ली में पहली बैठक की. इसमें आगे की प्रक्रिया, कब-कब मीटिंग करेंगे, कैसे सुझाव लेंगे और रिपोर्ट तैयार करने पर विचार किया गया. कमेटी के मुताबिक 21 जनवरी को समिति किसान संगठनों के साथ बैठक करेगी. जो किसान नहीं आएंगे, उनसे मिलने भी जाएंगे. ऑनलाइन सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनाया गया है.
15 मार्च तक किसानों के सुझाव लिए जाएंगे. इससे पहले समिति के सदस्यों की निजी राय कानूनों के पक्ष में होने का हवाला देते हुए उन्हें बदलने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि किसी व्यक्ति को उसके पहले के विचारों की वजह से समिति का सदस्य होने के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता. कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया है कि रैली को लेकर फैसला दिल्ली पुलिस ही करे. SG ने बहस की शुरुआत की और कहा कि मामले की सुनवाई 25 जनवरी को करें.
CJI ने SG को कहा की हम पहले ही कह चुके है ये मामला पुलिस का है. हम इस मामले में कोई आदेश नही देंगे. ऑथोरिटी के तौर पर आप आदेश जारी करें. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली पुलिस किसानों के परेड को लेकर व्यवस्था करे. राकेश टिकैत ने कहा कि किसान दिल्ली आएंगे चमचमाती सड़कों पर ट्रैक्टर चलाएंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि हमें यह पता है कि कमेटी क्या रिजल्ट देगी? कमेटी कानून को बढ़िया बताएगी, 10 लोगों के नाम लिखेगी और कानून को बढ़िया बताएगी.
एक सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च को कौन रोकेगा? पुलिस तो तिरंगा झंडा लेकर सैल्यूट करेगी ट्रैक्टर को. देश को गणतंत्र दिवस मनाने का अधिकार है. किसी के बाप की जागीर है गणतंत्र दिवस. गणतंत्र दिवस हिन्दुस्तान का किसान मनाएगा, दुनिया की सबसे बड़ी परेड मनेगी. किसान आएगा यहां दिल्ली में, कौन रोकेगा किसानों को, अगर किसी ने ट्रैक्टर को रोका तो उसके पर कतर दिये जाएंगे. ये दिल्ली सुन ले कि हम आंदोलन भी करेंगे, बैठक भी करेंगे और धरना भी देंगे. तीन बिल वापसी, एमएसपी पर कानून जब तक नहीं बनेगा किसान वापस नहीं जाएगा.
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