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जावदा में मोबाइल शोपीस, बीच में कट जाती है वार्ता…

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रावतभाटा. संचार क्रांति के इस युग में जहां हर किसी के हाथ में मोबाइल है। इंटरनेट लोगों की जिन्दगी का प्रमुख हिस्सा बन चुका है। ऐसे में रावतभाटा क्षेत्र की आधा दर्जन से ज्यादा ग्राम पंचायतों में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है। लोगों को अस्पताल से एम्बुलेंस बुलानी हो या फिर थाने में किसी घटना की सूचना देने में आती है परेशानी। वहीं क्षेत्र के बाहर जाने पर परिजनों से वार्तालाप में होती है दिक्कत। यहां एकमात्र बीएसएनएल का ही लगा है टॉवर। नेटवर्क समस्या से जूंझ रहे ग्रामीण।जानकारी के अनुसार क्षेत्र की टोलू का लुहारिया, जावदा, बलकुंडीकलां, देवपुरा, जवाहर नगर, बस्सी, राजपुरा ग्राम पंचायत के लोग जावदा क्षेत्र में स्थित एक बीएसएनएल के मोबाइल टावर पर निर्भर है। घरों के अन्दर तो फोन कॉल लगते नहीं है। बाहर नेटवर्क मिले तो बात बने। ऐसे में मोबाइल गेम खेलने, गाने सूनने का उपकरण बनकर रह गए हैं। हालांकि गत पांच महीनों में निजी मोबाइल नेटवर्क कम्पनियों ने खुद के टावर खड़े किए हैं, लेकिन इन्हें शुरू नहीं किया।
नहीं हो पाता 108 वाहन से सम्पर्कसात ग्राम पंचायतों के बीच एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जावदा में है। ग्राम पंचायतों के करीब 50 से ज्यादा गांव व ढाणियों के रोगी व प्रसुताएं इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लाई जाती है। चिकित्सा विभाग की ओर से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एक 108 रोगी वाहन लगा रखा है। आधा दर्जन ग्राम पंचायत क्षेत्र में किसी प्रसुता को प्रसव पीड़ा हो या कोई बड़ी दुर्घटना, आपातकालीन चिकित्सकीय आवश्यकता पडऩे पर 108 पर सम्पर्क भी नहीं हो पाता। ग्रामीण निजी या किराए के वाहन से अस्पताल पहुंचते हैं।
थाने में भी यही समस्यादूरस्थ ग्राम पंचायतों में लगने वाला तीसरा बड़ा थाना जावदा है। लेकिन यहां भी नेटवर्क की समस्या है। थाने से संबंधित ऑनलाइन कार्य रावतभाटा थाने से किए जाते हैं। उक्त थाना क्षेत्र में बड़ी दुर्घटना या अपराध की होने पर अधिकांश समय तो फोन पर सम्पर्क करने में ही बीत जाता है और पीडि़त को समय पर मदद नहीं मिल पाती या अपराधी भागने में सफल हो जाता है।
बिजली बंद तो नेटवर्क भी गायबयहां एकमात्र बीएसएनएल का मोबाइल टावर है। ग्रामीणों के अनुसार टावर की नियत परिधी में ही नेटवर्क मिलते हैं। बिजली बंद होने के साथ ही नेटवर्क भी गायब हो जाते हैं। टावर को विद्युत आपूर्ति देने के लिए जनरेटर चालू करने वाले कर्मचारी के अभाव में बस विद्युत आपूर्ति सुचारु होने तक इंतजार करना पड़ता है।

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