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चमत्कार ! दिवाली पर अपने आप बंद हो गया मंदिर, खोला तो मिले मां लक्ष्मी के पैरों के निशान

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प्रमोद स्वामी, खाटूश्यामजी.
Deepawali 2019 : जमीन की खुदाई में निकली मां लक्ष्मी की एक मूर्ति चमत्कारों को लेकर चर्चा में है। यह मूर्ति डूकिया गांव के महालक्ष्मी मनोकामनापूर्ण मंदिर ( Mahalaxmi Manokamna Temple of Dukia Village Khatushyam Ji ) की है। जहां पिछली दिवाली पर मां लक्ष्मी के मंदिर में प्रवेश और पैरों के निशान की मौजूदगी के दावों ने आस्था को ओर भी अगाध कर दिया है। आलम यह है कि एक साल में ही यह मंदिर इतना प्रसिद्ध हो गया है कि दूरदराज के लोग भी मनोकामना लिए मां लक्ष्मी के दरबार में पहुंचने लगे हैं।
दिवाली पर खुद आई मां लक्ष्मीमंदिर में पिछली दिवाली की रात मां लक्ष्मी के आने की गवाही पूरा गांव दे रहा है। मंदिर पुजारी राजू शर्मा ने बताया कि दिवाली पर दर्शनों के लिए उन्होंने रात को मंदिर के पट खुले छोड़ दिए थे। लेकिन, देर रात पट अपने आप अंदर से बंद हो गए। खोलने की कोशिश पर भी नहीं खुले। चर्चा फैली तो गांव के काफी लोग सुबह तक मंदिर पहुंच गए। बाद में एक कारीगर को बुलाकर दरवाजा तुड़वाया गया। अंदर देखा तो मूर्ति के सामने मेहंदी और चंदन लगे पांव उभरे हुए दिखाई दिए। इसके बाद से दिवाली पर मां लक्ष्मी मंदिर में आई थी यह मान भक्तों की श्रद्धा और हुजूम यहां ओर बढऩे लगा।[MORE_ADVERTISE1][MORE_ADVERTISE2]खुदाई में निकली मूर्ति, 2 करोड़ का बनाया मंदिरमंदिर का निर्माण नजफगढ़ दिल्ली के श्याम भक्त नरेश नागर ने बनाया है। बकौल नरेश बाबा श्याम के दर्शनों के लिए खाटूश्यामजी आने की परंपरा के बीच उन्होंने डूकिया में 150 बीघा जमीन खरीदी थी। मकान निर्माण के लिए उन्होंने उस जमीन की नींव खोदी तो मिट्टी से 18 भुजाधारी देवी की छोटी सी मूर्ति निकली। जिसे दिल्ल्ली ले जाते समय उन्होंने बीच रास्ते में त्रिवेणी धाम महंत नारायण दास महाराज को दिखाया। जिन्होंने मूर्ति को महालक्ष्मी की बताते हुए उसी जमीन पर मंदिर बनाने की बात कही। इस पर करीब दो करोड़ की लागत से मंदिर बनवाकर 17 अक्टूबर 2018 शारदीय नवरात्रों में महालक्ष्मी की मूर्ति को प्रतिष्ठित करवाया गया।[MORE_ADVERTISE3]वृंदावन की तर्ज पर बनेगा प्रेम मंदिरमहालक्ष्मी मंदिर परिसर में अब राघा कृष्ण का मंदिर भी बनाया जा रहा है। मंदिर को वृंदावन के प्रेम मंदिर की तर्ज पर बनाया जा रहा है।
मूर्ति को दिया बड़ा रूपकरीब एक फीट की खुदाई में निकली मूर्ति धातुु से बनी थी। लेकिन, महंत नारायणदास को दिखाने पर उन्होंने उस मूर्ति को लोगों की छाया से बचाए रखने की बात कही। इस पर मां लक्ष्मी की नई बड़ी मूर्ति बनवाकर उसके भीतर ही उस मूर्ति को प्रतिष्ठित किया गया है।दिवाली पर भरेगा पांच दिवसीय मेलामहालक्ष्मी मंदिर में दिवाली पर पांच दिवसीय मेले का आयोजन होगा। मेला 25 अक्टूबर को धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज तक आयोजित होगा। श्री लक्ष्मी नारायण चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित मेले के लिए तैयारियां तेज हो गई है।

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