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छात्रों पर फासीवाद की सर्जिकल स्ट्राइक – ममता बनर्जी

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में शिक्षकों और छात्रों पर हुए हमले को बीजेपी की ‘फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक’ बताया.

उनकी इस टिप्पणी का भगवा दल ने कड़ा विरोध किया और कहा कि बनर्जी को ‘घड़ियाली आंसू’ बहाना बंद करना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कहा कि उन्होंने एक छात्र नेता के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी लेकिन शैक्षणिक संस्थान पर कभी ऐसा ‘शर्मनाक हमला’ नहीं देखा.

ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा,देशभर में जो हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है. एक समय मैं भी छात्र राजनीति का हिस्सा थी लेकिन छात्रों और शैक्षणिक संस्थानों पर कभी ऐसा हमला नहीं देखा. उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला था. कल की घटना छात्र बिरादरी पर फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक थी.मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है, उसे राष्ट्र विरोधी या पाकिस्तानी करार दे दिया जाता है.

ममता बनर्जी ने कहा, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमें प्रदर्शन करने का अधिकार है. उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले को देश का दुश्मन बता दिया जाता है. ऐसे कैसे किसी को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने पर राष्ट्र विरोधी या पाकिस्तानी होने का तमगा दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल सरकार के तले नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अधीन आती है. उन्होंने कहा, एक तरफ उन्होंने (बीजेपी) गुंडे भेजे और दूसरी ओर उन्होंने पुलिस से कहा कि वह कोई कार्रवाई नहीं करे. ऐसे में पुलिस कर भी क्या सकती है, जब उच्च पदस्थ लोग उनसे कुछ न करने के लिए कहें.

मुख्यमंत्री ने रविवार को भी जेएनयू परिसर में हुए हमले की निंदा की थी और उसे ‘घृणित कृत्य’ बताया था. तृणमूल का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शिक्षकों और छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को जेएनयू पहुंचा. पश्चिम बंगाल की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, बनर्जी को जेएनयू के छात्रों के लिए घड़ियाली आंसू बहाना बंद करना चाहिए. घोष ने कहा, पिछले वर्ष 19 सितंबर को जब यादवपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रीयो के साथ धक्का-मुक्की हुई थी तब वह (बनर्जी) कहां थी? सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाने के लिए वह प्रतिनिधिमंडल को भेज रही हैं. उन्होंने उन कॉलेजों में प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजे जहां बीते आठ साल में तृणमूल के कार्यकर्ता लूट-खसोट कर रहे थे.

गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और रॉड से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी थी. जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) का दावा है कि यह हमला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के लोगों द्वारा किया गया है. इससे पहले शनिवार (चार जनवरी) को भी परिसर में छात्रों के बीच तनातनी की ख़बरें सामने आई थीं. वहीं, रविवार देर रात हुई हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए सोमवार को जेएनयू के छात्र विश्वविद्यालय की पूर्वी गेट के सामने जमा हुए थे. इसे देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल को वहां तैनात कर दिया गया है

आपको बतादे कि दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले में ख़ुद पर उठ रहे सवालों की सफाई देते हुए सोमवार को बताया कि जेएनयू हिंसा मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया,मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच ने अलग से टीमें बनाई हैं. पुलिस के अधिकारियों ने आज मौके का मुआयना किया. पुलिस कई अहम जानकारियां मिली हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने तथ्य जुटाने के लिए ज्वाइंट सीपी शालिनी सिंह की अगुवाई में एक कमेटी बनाई है. उन्होंने बताया कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज इकट्ठा कर रही है.

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने पुलिस की कार्रवाई पर उठ रहे सवालों को लेकर सफ़ाई देते हुए कहा कि पुलिस ने ‘प्रोफेशनल तरीके से काम किया. उन्होंने ये भी बताया कि हमले में घायल हुए सभी 34 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं.

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यह भी पढ़े : सुशांत सिंह ने JNU Attack पर किया ट्वीट

Thought of Nation राष्ट्र के विचार

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