बीते बुधवार को उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर कहा था कि महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता फैलाने की कोशिश की जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की फोन पर हुई बातचीत के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक राज्यपाल ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह जल्द से जल्द राज्य विधान परिषद की नौ रिक्त सीटों पर चुनाव करवाए. राज्यपाल ने आयोग से कहा है कि उसके इस कदम से राज्य में मौजूदा अनिश्चितता समाप्त हो जायेगी. महाराष्ट्र विधान परिषद की ये नौ सीटें बीते 24 अप्रैल से खाली हैं.
इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी. बातचीत के दौरान उद्धव ने कहा था कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है. उनका पीएम मोदी से कहना था कि कोरोना संकट के समय राज्य में अस्थिरता फैलाना ठीक नहीं है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 28 मई को उनके कार्यकाल के छह महीने पूरे हो जाएंगे, लेकिन अभी तक न तो वह राज्य की विधानसभा के और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं. अगर 27 मई तक वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं बन पाते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी.
बीते मंगलवार को महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महाराष्ट्र विकास अघाड़ी’ के नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से इस संबंध में मुलाकात की थी. इस दौरान इन नेताओं ने दूसरी बार गठबंधन के कोटे से उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने की सिफारिश की थी. इससे पहले बीते नौ अप्रैल को भी राज्य के मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से ऐसी ही सिफारिश की थी.
आपको बता दे कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने दो बार प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल से सिफ़ारिश की थी कि वह उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत कर दें. पर राज्यपाल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी.
सवाल यह उठने लगा था कि ऐसे समय जब कोरोना संकट से पूरा देश जूझ रहा है और महाराष्ट्र में संकट सबसे गहरा है, राज्यपाल संवैधानिक और राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर रहे हैं। वह इस पर राजनीति कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री बने थे. तब से वह विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. संविधान के क़ायदे के अनुसार, मंत्री या मुख्यमंत्री को छह महीने के अंदर सदस्य बन जाना होता है. इस हिसाब से उद्धव के पास विधिवत विधायक बनने के लिए छह महीने यानी 27 मई तक की मोहलत है. चुनाव आयोग 24 अप्रैल को विधान परिषद की नौ सीटों के लिए चुनाव करवाने की अधिसूचना जारी कर चुका था, लेकिन कोरोना और इसके बाद लॉकडाउन के कारण चुनाव को टाल दिया गया.
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