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हाथ से निकली लीलण, कमजोर निकले ‘प्रतिनिधीगण’

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सीकर. शेखावाटी के सीकर-चूरू-झुंझुनूं-जयपुर ट्रेक पर ट्रेनों के संचालन में यहां के राजनेताओं की कमजोर इच्छा शक्ति जिम्मेदार है। क्षेत्र की जनता भले ही आंदोलन के साथ रेलवे के अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर ट्रेनों के संचालन की मांग कर रहे हो, लेकिन नेता इसे लेकर गंभीर नहीं है। ताजा मामला जैसलमेर से जयपुर जाने वाली लीलण एक्सप्रेस के मार्ग परिवर्तन का है। सप्ताह के सातों दिन चलने वाली इस ट्रेन की बोर्ड ने चूरू-सीकर होते हुए मार्ग परिवर्तन की स्वीकृति जारी करने के बाद हाथ खींच लिए हैं। रेलवे के जीएम ने नागौर सांसद को पत्र जारी कर इसकी सूचना भी दी है। ऐसे में जाहिर है कि अंचल के नेताओं ने इस तरफ कोई प्रयास नहीं किए हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। जयपुर-प्रयागराज ट्रेन के विस्तार की स्वीकृति जनवरी माह में ही जारी हो गई थी। टाइम टेबल जारी होने के बाद भी इस ट्रेन का संचालन शुरू नहीं हो पाया था।
 
एक अप्रेल से आनी थी लीलण
जयपुर से जैसलमेर के बीच सप्ताह के सातों दिन चलने वाली लीलण एक्सप्रेस वर्तमान में देशनोक, नोखा, फुलेरा होते हुए जयपुर जा रही है। जनता की मांग के चलते रेलवे के अधिकारियों ने इस ट्रेन का मार्ग रतनगढ़, सीकर-जयपुर होते हुए बदलने का प्रस्ताव रखा। इस दौरान यात्रियों की संख्या के साथ आवश्यकता का भी ध्यान रखा गया। ऐसे में रेलवे बोर्ड ने इसकी स्वीकृति जारी कर दी। ट्रेन का नए मार्ग से एक अप्रेल से संचालन तय किया गया।
 
सांसद की आपत्ति पर अनुमति रद्द
लीलण एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 12467-68 के मार्ग परिवर्तन की स्वीकृति जारी होने के बाद नागौर सांसद हनुमान बेनिवाल ने रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जताई। पत्र में इस ट्रेन का मार्ग यथावत रखने की बात कहीं। इस पर रेलवे के महाप्रबंधक ने नागौर सांसद को जवाबी पत्र भेजकर बताया है कि जैसलमेर-जयपुर लीलण एक्सप्रेस का मार्ग परिवर्तन वाया रतनगढ़-चूरू किए जाने के लिए रेलवे बोर्ड से से जो अनुमति प्राप्त हुई तो उसे रद्द कर दिया गया है।
बोर्ड के पास विचाराधीन है तीन ट्रेनों के प्रस्ताव
शेखावाटी का ट्रेन गेज परिवर्तन के बाद से ही उपेक्षा का शिकार है। कोरोना संक्रमण के बाद से तो स्थिति ज्यादा खराब हो गई है। देश के दूसरे हिस्सों में रेलवे ने ट्रेन चलाने में प्राथमिकता दिखाई, लेकिन यहां पर जनप्रतिनिधियों की जागरूकता की कमी के चलते अभी तक सप्ताह के सातों दिन के लिए दिल्ली की टे्रन भी शुरू नहीं हो पाई है। इसके अलावा जयपुर-प्रयागराज ट्रेन का बीकानेर तक विस्तार कर जनवरी माह में ही इसे चलाने की स्वीकृति जारी कर दी गई थी। लेकिन दो माह बाद भी यह टे्रन नहीं चल पाई है। इसके अलावा जयपुर-रेवाड़ी सहित तीन डेमू ट्रेनों के प्रस्ताव अभी रेलवे बोर्ड के पास विचाराधीन है। इन्हें भी स्वीकृति नहीं मिल पाई है।
रेल मंत्री को लिखा पत्रडॉ. बलराम जाखड़ स्मृति संस्थान ने राज्य के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय रेल मन्त्री पीयूष गोयल और जयपुर मण्डल रेल प्रबंधक को पत्र भेज कर शेखावाटी क्षेत्र में रेल की सुविधा बढ़ाने की मांग की है। पत्र में लिखा गया है कि इस क्षेत्र के सर्वाधिक सैनिक और प्रवासी है। इसके बाद भी रेल संचालन में उपेक्षा बरती जा रही है। संस्थान अध्यक्ष भंवर लाल बिजारनियां ने बताया है कि मीटरगेज के दौरान दिल्ली के लिए प्रतिदिन ट्रेन जाती थी, लेकिन अब नहीं जा रही है। सीकर से रेवाड़ी और सीकर से जयपुर के बीच चलने वाली सवारी गाडिय़ां भी पूर्ववत नहीं चल पाई है। इससे अंचल के सीकर, झुन्झुनूं और चूरू जिले के यात्रियों की रेल यातायात की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है।

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