ओमप्रकाश शर्मा/जयपुर। गृह निर्माण सहकारी समितियां (सोसायटी) स्टाम्प शुल्क चोरी ( Land Scam in Jaipur ) कर सरकारी खजाने को सलाना करोड़ों रुपए की चपत लगा रही हैं। सोसायटियां कॉलोनी काटने के लिए जो जमीन खरीदती ( Land Registration ) हैं, उसका पंजीयन नहीं करातीं। इकरारनामे के आधार पर ही कॉलोनी के पट्टे जारी कर देती हैं। वर्षों से जारी इस ‘खेल’ का खुलासा महालेखाकार (एजी) की ऑडिट में हुआ है। खुलासे के बाद जागे रेवन्यू इंटेलीजेंस ( Revenue Intelligence ) ने एक सोसायटी को सवा करोड़ रुपए के रेवन्यू लॉस का नोटिस जारी किया है। मुद्रांक व पंजीयन विभाग ने पहली जांच में कुछ समितियों से ही 1250 करोड़ रुपए वसूली का आदेश जारी किया है। सहकारी समितियों के रीजनल ऑडिटर ने 40 और सोसाइटी की सूची रेवन्यू इंटेलीजेंस को भेजी है।
यह है नियमराजस्थान मुद्रांक अधिनियम 1998 की अनुसूूची के आर्टिकल 21 के तहत सम्पत्ति के कब्जा सौंपने वाले इकरारनामे (एग्रीमेंट) पर मुद्रांक शुल्क लगेगा। भारतीय पंजीयन अधिनियम 1908 की धारा 17 में उल्लेख है कि अचल सम्पत्ति के स्वामित्व का हस्तानांतरण का पंजीयन अनिवार्य है।
गृह सहकारी समितियां ऐसे करती हैं ‘खेल’ ( Grah Sahkari Samiti )जयपुर में ही 200 से ही अधिक सोसायटियां हैं, जिन्होंने हजारों कॉलोनियां विकसित की हैं। स्थापना के समय से ही कृषि भूमि के खातेदार से सोसायटी एग्रीमेंट करती है। जमीन का बेचान सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज ही नहीं होता, जिससे सोसायटी को पंजीयन शुल्क नहीं देना पड़ता। जबकि जमीन का स्वामित्व बदलने की स्थिति में पंजीयन शुल्क का प्रावधान है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुआ ऑडिटसमितियों के फर्जीवाड़े को लेकर हाइकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही एजी ने नवयुवक गृह निर्माण सहकारी समिति की ऑडिट की तो स्टाम्प चोरी सामने आई। रेवन्यू इंटेलीजेंस ने इस सोसाइटी के 237359 वर्गमीटर भूमि के सौदे को अपंजीकृत विक्रय मानते हुए 1 करोड़ 30 लाख 57 हजार रुपए की राजस्व हानि मानी।
छूट नहीं फिर भी सरकार ने मूंद रखी है आंख…स्टाम्प शुल्क में सरकार ने अन्य क्षेत्र में सक्रिय सहकारी समितियों को छूट दे रखी है, लेकिन यह छूट गृह निर्माण सहकारी समितियों के लिए नहीं है। इसके लिए वित्त विभाग ने अप्रेल 1990 में भी विस्तृत आदेश निकल कर स्थिति स्पष्ट की थी। बावजूद इसके किसी सोसायटी ने जमीन खरीदने पर स्टाम्प शुल्क नहीं दिया।
जमीन का धंधा: बिना रजिस्ट्रेशन कॉलोनियां काट रहीं सोसायटियां, ऑडिट में पकड़ा घपला, अब वसूली प्रक्रिया शुरू
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