पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप में मिली पहली हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) पाकिस्तानी पत्रकार पर भड़क गए. पत्रकार ईशान किशन और रोहित शर्मा को लेकर सवाल कर रहा था. इसी सवाल पर कोहली को गुस्सा आ गया. बता दें, वर्ल्ड कप से पहले खेले गए वार्म अप मैच और IPL के आखिरी मैचों में ईशान के बल्ले से खूब रन निकले थे. आइए आपको बताते हैं विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा.
सवाल: क्या अगले मैच में रोहित शर्मा की जगह ईशान किशन खेलेंगे?
जवाब: क्या आप सच में चाहते हैं कि मैं रोहित शर्मा को टी-20 टीम से बाहर कर दूं. रोहित शर्मा? यदि आप कुछ कंट्रोवर्सी चाहते हैं तो आप मुझे बता सकते हैं. मैं उसी के अनुसार इसका उत्तर दूंगा. (इसके बाद विराट अपना सिर पकड़कर हंसने लगे.)
सवाल: क्या पाकिस्तान ने आज हर मामले ज्यादा बेहतर खेल दिखाया?
जवाब: हमारी टीम हर टीम का सम्मान करती है. इसमे कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान ने आज हमसे बेहतर खेला है. कोई भी टीम 10 विकेट से ऐसे ही नहीं जीत जाती है. उनको श्रेय देना जरूरी है. हमने उन पर दबाव बनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे हमसे हर मामले में बेहतर खेले. इसकी कोई गारंटी नहीं कि हमें हर मैच में जीत ही मिलेगी. हमने अपनी स्थिति के हिसाब से अच्छा स्कोर बनाया था. उन्हें इस मैच को शानदार अंत देने के लिए श्रेय दिया जाना चाहिए.
सवाल: क्या परिस्थितियों का बदलना और पहले दो विकेट को जल्दी खो देना टीम को महंगा पड़ा?
जवाब: पाकिस्तान की बल्लेबाजी के दौरान ओस गिरनी शुरू हो गई. इस कारण उन्हें काफी फायदा मिला. हम अगर 20-25 रन और ज्यादा बना देते तो शायद हम मैच में और मजबूती से खड़े होते. पाकिस्तान के गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी की और उन्होंने ऐसा नहीं होने दिया. टॉस भी मैच में अहम भूमिका निभाता है. हम टॉस भी हारे पाकिस्तान की टीम ने हमें हर क्षेत्र में पीछे किया.
सवाल: अगले मैच के लिए काफी समय का गैप है, क्या आपको नहीं लगता इतने बड़े टूर्नामेंट में इतने लंबे गैप का असर पड़ेगा?
जवाब: हम अब टूर्नामेंट में सकारात्मक नजरिए से आगे बढ़ेंगे. हमें हार पर समीक्षा करने का समय मिलेगा. मुझे नहीं लगता इसका कोई असर पड़ेगा.
बते दे कि खत्म हो गए अब वो मौका-मौका वाले विज्ञापन… टूट गया 1992 के वर्ल्ड कप से शुरु हुआ भारतीय जीत का अश्वमेघ रथ… अशुभ माने जाने वाले नंबर 13 ने वही कराया जिसका सबसे डर था… लेकिन, टीम इंडिया की हार के बाद जिस तरह से भारतीय फैंस सोशल मीडिया पर बौखलाये वो अपने आप में अजीब है. हमने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को कभी इतना विचलित होते नहीं देखा था.
पाकिस्तान से एक मैच क्या हारे विराट कोहली को सरेआम बेइज्जत किया जाने लगा. हर कोई उन्हें क्रिकेट की कप्तानी सिखाने लगा… क्यों भाई? आप अगर विद्यार्थी हो तो क्या हर परीक्षा में टॉप ही करते हैं, वकील हैं तो हर केस जीतते हैं, डॉक्टर हैं तो हर मरीज को बचा लेते हैं, नेता है तो हर चुनाव जीतते हैं, व्यापारी हैं तो क्या हर बार मुनाफा ही कमाते हैं? नहीं ना, तो फिर कोहली में भगवान आप क्यों तलाश कर रहे हैं?
कोहली ने वर्ल्ड-कप में सिर्फ पहला मैच ही हारा है, वर्ल्ड कप नहीं… और अगर हर मैच वो बुरी तरह से हार कर बाहर भी हो जाएं तो अपने कप्तान को इस तरह से गालियां देना और बेइज्जत करना किस महान भारतीय संस्कृति का हिस्सा है? आलोचना होनी चाहिए, क्यों नहीं होनी चाहिए. कोहली की कप्तान के तौर पर और बल्लेबाज के तौर पर भी. भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पंड्या को अगर प्लेइंग इलेवन में शामिल करना सौ फीसदी सही फैसला नहीं था तो कोहली का जमने के बावजूद 17वें ओवर में आउट होना भी निराशाजनक था. लेकिन, ये भी बात तो सच है ना कि ये सब तो खेल में चलता ही रहता है.
एक समय था जब भारतीय फैंस के बारे में ये कहा जाता था कि वो बेहद सुलझे और समझदार हैं. खेल के नतीजों को उसी भावना से लेते हैं लेकिन इस तरह की नफरत वाली भावना अपने देश के क्रिकेट के कप्तान के लिए कतई सही नहीं है. लोग ये भी तर्क दे रहे हैं कि कोहली तो पनौती कप्तान है.पनौती मतलब अशुभ. ऐसा बोलने से पहले उस तथ्य की तरफ ध्यान भी नहीं देते हैं कि ये कोहली का पहला वर्ल्ड कप है कप्तान के तौर पर आखिरी भी.
एक बात और भारतीय इतिहास में टी20 मैचों में कोहली के जीत का रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धोनी से भी बेहतर हैं. क्या ऑस्ट्रेलिया, क्या इंग्लैंड, क्या न्यूजीलैंड, क्या साउथ अफ्रीका… विदेश में जहां कोहली ने टी20 में सीरीज खेली हर जगह जीत हासिल की. ये सिर्फ तुक्का तो नहीं हो सकती है..हां, ये सच है कि धोनी की तरह अपनी महानता को हमेशा समय की बाहों में बांधे रखने के लिए जिस एक अदद ट्रॉफी की जरुरत उन्हें हैं, वो फिलहाल उनके पास नहीं है. और अगर ये ट्रॉफी नहीं भी हुई तो क्या फर्क पड़ता है.
सचिन तेंदुलकर के पास भी कप्तान के तौर पर क्या था? कम से कम इस तरह की नाकामियों के लिए किसी खिलाड़ी या कप्तान से घृणा तो नहीं किया जा सकता है. पसंद नापसंद अलग बात है, तथ्यों पर आधारित आलचोना भी सही, भारत-पाक वाले मैचों में भावना का उबाल भी कुछ हक तक सही लेकिन नफरत का भाव कतई नहीं.
The post हार के बाद पाकिस्तानी पत्रकार पर बौखलाए कोहली appeared first on THOUGHT OF NATION.
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