Aajkal Rajasthan News /बाड़मेर.
हमीरपुरा का प्रेम कुमार (44) 28 साल बाद घर लौटा तो परिजनों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। एक बारगी तो किसी ने यकीन तक नहीं किया कि उनका प्रेम सही सलामत लौट आया है। परिवार के लोग जिसे सदा के लिए भूल चुके थे। प्रेम का 28 साल पहले नागौर से ट्रक पर खलासी का काम करते कुछ बदमाशों ने सिर पर हमला कर अपहरण कर लिया था। आसाम के चाय बागानों में बंधक बनाकर रखा और उससे पत्तियां तुड़वाते रहे। 4-5 माह पहले वहां से बंधक बनाए 7 लोग भाग निकले।
कई महीनों तक इधर-उधर भटकने के बाद बिहार पहुंच गए। वहां एक व्यापारी के यहां काम पर लग गए। अब दिवाली पर व्यापारी ने इन्हें घर भेजने के बहाने जोधपुर पहुंचाया और जोधपुर से बाड़मेर बस में बिठाया।28 साल बाद घर पहुंचे प्रेम को देख परिवार के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
घर पहुंचा तो किसी ने नहीं पहचाना
प्रेम जब रेलवे स्टेशन पहुंचा तो सब कुछ बदला हुआ था। 28 साल पहले जहां आबादी नहीं थी, अब वहां बड़ी इमारतें थी। ऐसे में प्रेम को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसका घर कहां है? रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद लक्ष्मी सिनेमा के आसपास लोगों से पूछा। वासू होटल पर बैठे लोगों से पूछने पर हमीरपुरा में भार्गव परिवारों के घर होना बताया। इस पर को-ऑपरेटिव सोसायटी के सामने भगवानदास को पहचान लिया। जब चाचा डूंगराराम को बुलाया और कहा कि वह उनका भतीज प्रेम है तो यकीन नहीं हुआ। इसके बाद भाई-बहन, दादा-मामा के नाम पूछे तो यकीन हुआ। इसके बाद घर ले गए तो प्रेम के आने की खबर सुनकर लोगों की भीड़ उमड़ गई।
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बाड़मेर. प्रेम के लौटने पर गले मिलते चाचा डूंगराराम व अन्य।