जयपुरमानसून की शुरूआत में पेयजल को लेकर जूझ रहे प्रदेश को संजीवनी मिल गई है। जहां प्रदेश के अधिकतर जिले पानी से तरबतर हो गए है वहीं बनास नदी के मुहाने पर बना बीसलपुर बांध भी कई सालों बाद छलक उठा। त्रिवेणी का गेज 7 फीट होने से तेजी के साथ बीसलपुर में पानी की आवक हुई और भराव क्षमता 315.5 आरएल मीटर के करीब शनिवार को पहुंच गया।
बांध के छलकने के साथ ही बीसलपुर में 314 आरएल मीटर को भी पार कर गया। पानी की आवक को देखते हुए प्रशासन ने डैम के गेट खोले जिससे बांध के कैचमेंट में आने वाले करीब 250 गांवों में पानी घुस गया। हालांकि इससे पहले ही प्रशासन ने लोगों को यहां से खाली कर सुरक्षित जगह पर जाने के लिए चेता दिया था।
इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में भारी बरसात को देखते हुए बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। कई जिलों से जनजीवन प्रभावित होने और कई जगहों पर लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए आर्मी और एनडीआरएफ का सहारा लेना पड़ा। कोटा के कैथून में आई बाढ़ में एनडीआरएफ ने 200 से अधिक फंसे लोगों को राहत पहुंचाई।
वहीं कई इलाकों में अभी भी बारिश का दौर चल रहा है जिससे हालात बेकाबू हो रहे है। प्रदेश के कई बड़े बांध छलकने लगे है। माही में 6 गेटों से पानी निकासी हो रही है। कोटा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, डूंगरपुर में बाढ़ के हालात पैदा हो गए तो उदयपुर, बांसवाड़ा, जोधपुर, बीकानेर, समेत कई जिले तरबतर है।
जयपुर, अलवर, सीकर, झुंझुनूं समेत कई जिलों में भी अच्छी बरसात हुई। मौसम विभाग ने शनिवार को भी 13 जिलों में भारी से अधिक भारी बरसात होने की चेतावनी जारी की है। कोटा बैराज के शुक्रवार को 13 गेट खोलकर एक लाख 13 हजार 168 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।
बांध कुल जल भराव क्षमता जल स्तरगांधीसागर 1312 1303.44
राणा प्रताप सागर बांध 1152.95 1157.50जवाहर सागर बांध 980 974.02
कोटा बैराज 854 850
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