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70 मंदिरों से जल विहार को निकले कन्हाई, शहरभर में हुई अगवानी

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सीकर. शहर के मंदिरों में अलग अलग रूप में विराजित भगवान श्रीकृष्ण जलझूलनी एकादशी पर सोमवार को बाल रूप मेें जल विहार को निकले। जन्माष्टमी पर जन्म के बाद भगवान 70 से भी ज्यादा मंदिरों से मां यशोदा के साथ पालकी तो किसी की गोद में नेहरु पार्क स्थित छोटा तालाब पहुंचे। जहां कई रूपों में दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान के मनोहारी रूपों की पूजा- अर्चना कर आरती की। यहंा नगर सेठ गोपीनाथ जी की खास अगवानी हुई। जो बैंड बाजों की धुन व घंटी-घडिय़ालों और शंख की गूंज के बीच पहुंचे। इसी तरह श्रीकल्याण मंदिर से भी भगवान बग्गी में शाही लवाजमे के बीच पहुंचे। जल विहार को निकले ठाकुर जी का इस दौरान जगह जगह फूलों की बरसात से स्वागत- सत्कार किया गया। तो श्रद्धालु नाचते गाते हुए भगवान की शोभायात्रा में शामिल होते रहे। सभी मंदिरों से पहुंचने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की आरती कर चरणामृत- पंचामृत का प्रसाद बांटा गया। मां यशोदा के जलवा पूजन के साथ भगवान की पोशाकें भी धोई गई। इससे पहले शहर के गोपीनाथ मंदिर सहित विभिन्न कृष्ण मंदिरों में दिनभर श्रद्धालु भगवान के दर्शन और पूजन के लिए पहुंचते रहे। जहां बाल रूप श्रीकृष्ण का मनोहारी श्रृंगार कर झांकियां सजाई गई थी। फल- फूल, गुब्बारे और रंग बिरंगी रोशनी से मंदिरों में विशेष सजावट कर भजन कीर्तन के कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।मेले का आयोजनछोटे तालाब पर ठाकुरजी के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे पर मेले जैसा माहौल हो गया। काफी संख्या में पहुंची महिलाओं ने यहां भगवान को भोग लगाने के साथ खिलौने भी चढ़ाए। खेल- खिलौनों और चाट- पकौड़ों की कई तरह की दुकानें सजने पर खरीदारी के लिए भी हुजूम लग गया। देर शाम तक लोग मेले का लुत्फ लेते रहे।घर में लड्डू गोपाल की पूजाजलझूलनी एकादशी में मंदिर के अलावा घरों में भी लड्डू गोपाल के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा- आराधना की गई। नई पोशाक पहनाने के साथ भगवान का फूलों से श्रृंगार कर माखन- मिश्री का भोग लगाया गया। श्रद्धालुओं ने इस दौरान एकादशी का उपवास रख भजन कीर्तन भी किए।व्यवस्थाओं पर उठे सवालछोटे तालाब पर व्यवस्थाओं को लेकर सवाल भी उठे। दरअसल यहां तालाब की बाड़ाबंदी करने से लोग वहां तक नहीं पहुंच सके। ऐसे में भगवान के दर्शनों की झांकी भी तालाब के पास स्थित बगीचे में लगाई गई। ऐसे ेंमें जब अचानक भीड़ बढ़ी, तो लोगों को खासी परेशानी भी हुई। प्रशासन की ओर से सफाई और पुलिस की माकूल व्यवस्था नहीं होने की भी चर्चा रही।निशान पद यात्रा निकलीसीकर. पुराना दूजोद गेट स्थित श्याम मंदिर के पांच दिवसयी 50वें स्थापना समारोह में दूसरे दिन सोमवार को निशान पदयात्रा निकाली गई। यात्रा लक्ष्मी मार्केट के पीछे से रवाना हुई। जो जाट बाजार, बावड़ीगट, सुभाष चौक, पुराना दूजोद दरवाजा होते हुए श्याम मंदिर पहुंची। महोत्सव में तीसरे दिन मंगलवार को महिला मंगलगीतों का कार्यक्रम होगा। जिसमें जयपुर की कलाकार आशा कुमावत मंडली के साथ प्रस्तुती देंगी। इस दौरान फूलों की होली के बीच नृत्य कार्यक्रम भी होंगे।

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