- Advertisement -
HomeNewsडैमेज कंट्रोल के लिए कमलनाथ का प्लान रेडी

डैमेज कंट्रोल के लिए कमलनाथ का प्लान रेडी

- Advertisement -

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनाव प्रचार और प्रबंधन के बाद समन्वय की कमान भी अपने हाथों में ले ली है.
उम्मीदवारों की पहली सूची के बाद स्थानीय नेताओं की नाराजगी ने कांग्रेस को और सतर्क कर दिया है. ऐसे में असंतुष्टों को संतुष्ट करने का जिम्मा कमलनाथ ने विधानसभा प्रभारी पूर्व मंत्रियों को दिया है. कमलनाथ भी चुनाव प्रचार के दौरान नाराज नेताओं से मिलेंगे.
कमलनाथ उम्मीदवारों की दूसरी सूची फाइनल करने दिल्ली रवाना गए हैं. वे वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी करेंगे. इसके बाद उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे. अगले दो-तीन दिन में दूसरी सूची घोषित हो सकती है. कमलनाथ ने ग्वालियर-चंबल में नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, लाखन सिंह और रामनिवास रावत को सौंपी है.
मालवा का जिम्मा पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को दिया है. निमाड़ में पूर्व मंत्री सचिन यादव और उनके भाई पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव असंतुष्टों से संपर्क कर रहे हैं. भोपाल आने वाले नेताओं से मिलने की जिम्मेदारी पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति को दी गई है. अभी कुछ नेता अस्वस्थ हैं उनके स्वस्थ्य होने के बाद वे इन जिम्मेदारी को निभाएंगे.
समन्वय की जिम्मेदारी निभा रहे कमलनाथ ने ये स्पष्ट कर दिया है कि उपचुनावों में हर कार्यकर्ता को काम दिया जाएगा. कांग्रेस के पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व जिला-जनपद अध्यक्षों को भी आवश्यकता और उपयोगिता के आधार पर काम सौंपा जाएगा. स्थानीय स्तर पर वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी.
विधानसभा प्रभारियों से भी कहा गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थानीय वरिष्ठ नेताओं से राय-मशवरा कर चुनाव की रणनीति बनाएं. बूथस्तर के कार्यकर्ताओं से खुद कमलनाथ मिलेंगे. कमलनाथ प्रचार के दौरान मंडलम, सेक्टर और बूथ के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे.
इसके अलावा आपको बता दे कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पीएम मोदी को किसानों का भगवान बताए जाने पर कांग्रेस से राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है. अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिंह को सलाह देते तंज भरे लहजे में कहा है कि अगर शिवराज पीएम मोदी को भगवान मानते हैं तो जल्द से जल्द उन्हें अपने गांव जैत में पीएम मोदी का मंदिर बनवा लेना चाहिए.
दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश की सियासत गर्माती नजर आ रही है. दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि पीएम मोदी का मंदिर सबसे ऊंचे शिखर वाला होना चाहिए और उसमें पीएम मोदी की विशाल प्रतिमा भी स्थापित होनी चाहिए. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने नए किसान बिल को किसान विरोधी करार देते हुए कहा कि किसान बिल यूरोप और अमेरिका के दबाव में लाया जा रहा है और इसके जरिए मोदी सरकार विदेश की बड़ी बड़ी कंपनियों को ग्रामीण बाजार में प्रवेश दिलाना चाहती है.
दिग्विजय सिंह ने इस दौरान कमलनाथ सरकार के दौरान हुई किसान कर्जमाफी को लेकर भी शिवराज सरकार पर निशाना साधा. दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब बीजेपी ने भी मान लिया है कि मध्यप्रदेश में 26 लाख किसानों का 11 करोड़ से ज्यादा का कर्ज कांग्रेस सरकार ने माफ किया है. दिग्विजय ने कहा कि दो किस्त में कर्जमाफी प्रदेश में हुई है और तीसरी किस्त में भी कर्जमाफ जून के महीने से कांग्रेस सरकार करती लेकिन उससे पहले ही प्रदेश की सरकार को गिरा दिया गया.
आपको बता दे कि कांग्रेस उपचुनाव में अपने परंपरागत वोट बैंक को अधिक फोकस कर रही है. इसके तहत ग्रामीण, आदिवासी, पिछड़े व स्लम इलाकों में अधिक जोर दिया जा रहा है. यह तबका कोरोना की उतनी परवाह नहीं करता. उस पर इन इलाकों में पार्टी का अच्छा वोट बैंक है. ग्वालियर-चंबल इलाका पार्टी के लिए शहरी व ग्रामीण स्तर पर प्राथमिकता में हैं.
सत्तारुढ भाजपा के लिए अपने वोट बैंक को समझाना और नए वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षिक करके शहरी व प्रबुद्धजन वाले इलाकों में बाहर लाना बड़ी चुनौती है. वहीं, ग्रामीण, आदिवासी और पिछड़े इलाकों में अभी कोरोना संक्रमण का कहर शहरी इलाकों की तुलना में कम है, इस कारण वहां ज्यादा वोटिंग हो सकती है. इन सभी पहलुओं का भी दोनों दल आकलन कर रहे हैं.
The post डैमेज कंट्रोल के लिए कमलनाथ का प्लान रेडी appeared first on THOUGHT OF NATION.

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -