पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर की अदावत नई नहीं है. इससे पहले जब वह कांग्रेस सरकार में खाद्य मंत्री थे तब एक बार कैबिनेट की बैठक के दौरान उनकी कमलनाथ से कहासुनी हो गई थी.
पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के चहेते शिवराज सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को जवाब दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने एक बयान में कहा है कि प्नद्युम्न सिंह तोमर जिससे चाहे उनकी जांच करा लें. उनके 40 साल के राजनीतिक करियर पर एक भी दाग नहीं है.
जहां तक बात तोमर के आरोपों की है तो वह ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उपचुनाव से पहले उनकी पिटाई हो रही है और जनता उन्हें आने वाले चुनाव में जवाब दे देगी. प्रदुमन सिंह तोमर ने ग्वालियर में अपने एक बयान में कहा था कि कांग्रेस पार्टी के सीईओ यानी पीसीसी चीफ कमलनाथ के 15 महीनों के कार्यकाल की अगर जांच करा ली जाए तो फिर उनकी जगह जेल में होगी.
उनके इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी उन पर हमलावर हो गई थी. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान सामने नहीं आया था. गुरुवार को जब कमल नाथ मीडिया के सामने आए तो उन्होंने प्रदुमन सिंह तोमर को भी जवाब दिया. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर की अदावत नई नहीं है. इससे पहले जब वह कांग्रेस सरकार में खाद्य मंत्री थे तब एक बार कैबिनेट की बैठक के दौरान उनकी कमलनाथ से कहासुनी हो गई थी.
बंद कमरे में हुई इस कहासुनी की बहुत बातें तो सामने नहीं आईं लेकिन जो बात सामने आई थी उससे इतना तो साफ था कि कमलनाथ और प्रद्युमन सिंह तोमर के बीच कैबिनेट की बैठक के दौरान तीखी नोकझोंक हुई थी. तोमर सिंधिया समर्थक हैं और कांग्रेस की सरकार के दौरान वह ग्वालियर विधानसभा सीट से विधायक थे. उन्हें कमलनाथ सरकार में सिंधिया कोटे से खाद्य मंत्री बनाया गया था. मार्च में प्रद्युम्न सिंह सिंधिया के साथ ही बीजेपी में शामिल हो गए.
उपचुनाव में सियासत 360 डिग्री तक घूम चुकी है. वह प्रद्युमन सिंह तोमर जो कभी कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री थे वह अब बीजेपी की शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. लिहाजा उनका मुकाबला अब कांग्रेस के उम्मीदवार से होगा. तोमर ग्वालियर विधानसभा सीट से विधायक थे और इस बार भी उनके उसी सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है. कांग्रेस ने उनके मुकाबले में सुनील शर्मा को मैदान में उतारा है. उप चुनाव से पहले नेताओं के बीच बयानों के तीर जमकर चल रहे हैं.
इसके अलावा आपको बता दे कि मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया आज अशोक नगर, मुंगावली और डबरा के दौरे पर हैं. इसी क्रम में चौहान और सिंधिया अशोक नगर के राजपुर की सभा में पहुंचे. इसी दौरान मुख्यमंत्री की सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया. ये लोग संघ प्रचारक चेतन भार्गव पर पिछले दिनों हुई FIR का विरोध कर रहे थे.
सभा में इन लोगों ने संघ प्रचारक के खिलाफ FIR वापस लेने की मांग की और जमकर नारेबाजी की. पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं को खदेड़ दिया. हालांकि इस दौरान दोनों पक्षों के बीच काफी धक्का-मुक्की भी हुई. अशोक नगर में सिंधिया का विरोध भी देखने मिला. यहां बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता जमा हुए और गद्दार सिंधिया वापस जाओ के नारे लगाए. बाद में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
इसके अलावा किसान कर्जमाफी और कृषि बिल के मुद्दे पर पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है.कमलनाथ ने कहा बीजेपी के झूठ की पोल खुल गयी है. खुद बीजेपी के मंत्री विधानसभा में स्वीकार कर रहे हैं कि हमने किसानों का कर्ज माफ किया. शिवराज ने सिंधिया को भी इतनी जल्दी झूठ बोलना सिखा दिया.
गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, मैंने सोचा था 15 साल बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में शिवराज ने सबक सीख लिया होगा. लेकिन ये शिवराज झूठ बोलने से बाज आने वाले नहीं हैं. 15 महीने से ये बीजेपी वाले बोल रहे थे कि कर्ज माफ नहीं किया. जबकि हकीकत ये है कि हमने कर्जमाफ किया और कर भी रहे थे. हमारे पास 50 लाख आवेदन आए थे, कुछ लोग पात्र नहीं थे जो पात्र थे उन लोगों का हम कर्जमाफ कर रहे थे. उनके मंत्री ही विधानसभा में कह रहे हैं कर्जमाफ हुआ.
कमल नाथ ने सिंधिया पर भी निशाना साधते हुए कहा,शिवराज ने बहुत जल्दी ही सिंधिया को भी झूठ बोलना सिखा दिया है. शिवराज संबल योजना के संबंध में भी झूठ बोल रहे हैं. हमने योजना का नाम नया सवेरा कर फर्जी लोगों को बाहर किया था. ये बीजेपी के लोग मीडिया और झूठ की राजनीति करते हैं. जनता आने वाले वक्त में सच्चाई का साथ देगी.
कृषि बिल पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा. कमल नाथ के मुताबिक मोदी सरकार ने आज तक एक भी कदम किसानों के लिए नहीं उठाया. सबसे ज्यादा किसानों की आत्म हत्या मोदी और शिवराज सरकार के दौरान हुई. केवल बड़े व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कदम उठा रहे हैं. कृषि बिल से पहले सरकार को किसान संगठनो से चर्चा करना चाहिए थी. जिन्होंने कभी गांव नहीं देखा वो किसानों की बात करते हैं.
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