मोदी सरकार लगातार सवालों के घेरे में है. अपनी नाकामियों के पहाड़ पर खड़े होकर मीडिया मैनेज करके खुद की जय जय कार करवाना इस सरकार की आदत बन चुकी है. देश महामारी का सामना कर रहा है. लाखों लोग अपनी जान गवा चुके हैं.
पिछले दिनों देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई नजर आई. लोग अपनों की जान बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाते हुए नजर आए. ऑक्सीजन की किल्लत देश के तमाम अस्पतालों में दिखाई दी. आईसीयू बेड की भी कमी पूरे देश में नजर आई. ठीक उसी समय मोदी सरकार बंगाल चुनाव के प्रचार में व्यस्त थी.
प्रधानमंत्री मोदी बंगाल की चुनावी रैलियों की भीड़ को देखकर खुश हो रहे थे, कह रहे थे कि जहां तक मेरी नजर जा रही है वहां तक लोग ही लोग दिखाई दे रहे हैं, इस प्रकार की सभा मैंने अपने जीवन में पहली बार देखी है. जिस समय पूरी भाजपा बंगाल में चुनाव प्रचार कर रही थी, उस समय देश में महामारी के कारण लाशें गिर रही थी. प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों की लगातार आलोचना हो रही थी.
बंगाल चुनाव संपन्न हुआ, उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की भी आलोचना हुई. क्योंकि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव हो रहे थे. पंचायत चुनाव में जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगी थी उनमें से भी सैकड़ों शिक्षक महामारी का शिकार हो गए. पंचायत चुनाव के कारण कोरोना उत्तर प्रदेश के गांव गांव फैल गया. महामारी से निपटने में उत्तर प्रदेश सरकार भी पूरी तरीके से फेल साबित हुई.
कुल मिलाकर देखा जाए तो मोदी सरकार मीडिया मैनेज करके अभी भी महामारी से निपटने में अपनी विफलता को ढकना चाहती है. प्रधानमंत्री की इमेज जो धरातल में जा चुकी है, उसको मीडिया के सहारे भाजपा के तमाम नेता फिर से ऊपर लाना चाहते हैं. भाजपा को भी मालूम है कि देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार से बहुत अधिक नाराज है.
प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय पहले आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे थे आत्मनिर्भरता की बात कर रहे थे और आज केनिया जैसे देशों से हमें मदद लेनी पड़ रही है छोटे-छोटे अफ्रीकी देश भी भारत की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. क्या प्रधानमंत्री बताएंगे कि इसी तरह की आत्मनिर्भरता की बात हो रही थी कि अफ्रीकी देशों से हमें मदद लेनी पड़े?
प्रधानमंत्री मोदी मीडिया के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का खूब प्रचार करवा रहे थे, आत्मनिर्भर भारत का नारा दे रहे थे. चुनावी रैलियों में आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे थे. कुछ समय पहले 5 ट्रिलियन इकोनामी की बात हो रही थी और अब प्रधानमंत्री मोदी ट्विटर के माध्यम से देश को सूचित कर रहे हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने वैक्सीन को लेकर आश्वस्त किया है. तो क्या यही भारत की आत्मनिर्भरता है?
बहरहाल अमित शाह ने बयान दिया है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उनकी सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को जल्दी कंट्रोल कर लिया है. इसी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने करारा तंग करते हुए ट्वीट किया है कि जी..जी.. जी बिल्कुल ठीक कह रहे हैं सर. दो महीने की कोरोना लहर में लाखों लोग मर गए. ये कोई बड़ी बात थोड़े ही है.
देश के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान पर अजीत अंजुम ने आगे लिखा है कि 135 करोड़ के देश में अगर इतने लोग बिना इलाज, बिना ऑक्सिजन और बिना अस्पताल के मर भी गए तो क्या हुआ ? मोदी जी के नेतृत्व में जो हुआ, बहुत कम हुआ. अब सब कंट्रोल है.
जी ..जी.. जीबिल्कुल ठीक कह रहे हैं सर.दो महीने की कोरोना लहर में लाखों लोग मर गए . ये कोई बड़ी बात थोड़े ही है . 135 करोड़ के देश में अगर इतने लोग बिना इलाज, बिना ऑक्सिजन और बिना अस्पताल के मर भी गए तो क्या हुआ ?मोदी जी के नेतृत्व में जो हुआ ,बहुत कम हुआ .अब सब कंट्रोल है pic.twitter.com/xv9nHNdZ3m
— Ajit Anjum (@ajitanjum) June 4, 2021
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