पचलंगी/ सीकर. कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस मरीजों की जान लेने गया है। शेखावाटी में ब्लैक फंगस के अब तक 15 से अधिक केस सामने आ चुके हैं। इनमें से झुंझुनूं के जहाज गांव निवासी मरीज की बुधवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। शेखावाटी में लगातार मरीज बढऩे के बाद भी सरकारी व निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हुए है। सरकार के ब्लैक फंगस को महामारी में शामिल करने के बाद भी दवाओं का टोटा परेशानी का बड़ा कारण बना हुआ है। झुंझुनूं जिले के जहाज गांव निवासी राजेन्द्र प्रसाद ऊर्फ राजू सैनी (42) कई दिनों से बीमार था। उसे कुछ दिन पहले सीकर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां थोड़ा आराम आने पर अस्पताल प्रबंधन ने छुट्टी दे दी। इस दौरान परिजन उसे गांव ले आए। गांव के ही एक नर्सिंगकर्मी से उपचार कराते रहे। अचानक तबीयत खराब होने पर परिजन मंगलवार सुबह फिर सीकर लेकर आए। इस दौरान उनको एम्बुलेंस भी नहीं मिली। परिजन डीजे लगे वाहन में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर उसे सीकर लेकर गए। मरीज के परिजन कई घंटे तक सीकर में ही भटकते रहे। देर शाम उसे जयपुर लेकर गए। जयपुर के एसएमएस चिकित्सालय में चिकित्सकों ने ब्लैक फंगस बताया। वहीं बुधवार को इलाज के दौरान जयपुर में राजेन्द्र की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि समय रहते यदि उपचार मिलता तो जान बच सकती थी।चेन्नई से आया था राजेन्द्रराजेन्द्र चेन्नई में निजी वाहन चालक का कार्य करता था। बेटी की शादी करने के लिए गांव जहाज आया हुआ था। सात मई को बेटी की शादी की। शादी समारोह होने के बाद अचानक तबीयत खराब हो गई थी। राजेन्द्र के दो बेटे व एक बेटी है।क्या है ब्लैक फंगसकोरोना से ठीक हो रहे कुछ मरीजों में ब्लैक फंगस हो रहा है। यह ज्यादातर स्टेरॉइड्स के कारण फैलता है। कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया जाता है। कोरोना से ठीक हुए लोग की इम्यूनिटी इन स्टेरॉइड्स से कम हो जाती है और उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ होता है। डायबिटीज से पीडि़त और स्टेरॉइड्स ज्यादा लेने वाले मरीजों में ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा है। इससे बचने के लिए अपनी शुगर को नियंत्रित रखना होगा।
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