सीकर. मां दुर्गा की आस्था का पर्व चैत्र नवरात्र दूसरी बार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। 13 अप्रेल से शुरू हो रहे नवरात्र में इस बार भी जीणमाता का लक्खी मेला नहीं भरेगा। जबकि सालासर मेला भरेगा, लेकिन यहां कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दर्शन का आधार होगी। यानी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही सालासर हनुमानजी के दर्शन किए जा सकेंगे।
सालासर मंदिर में दर्शन के लिए लानी होगी आरटी-पीसीआर रिपोर्टसालासर में प्रस्तावित मेले के दौरान दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को 72 घंटे के भीतर की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इससे पहले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवाना होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व कोरोना निगेटिव रिपोर्ट होने पर ही श्रद्धालु को मंदिर में प्रवेश दिया जा सकेगा। मंदिर में दर्शन के दौरान मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग व सेनेटाइजर का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा बाहर से आने वाले श्रद्धालु सड़क पर डीजे नहीं बजा सकेंगे। श्रद्धालुओं के पेट पलानियां चलकर आने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
मंदिर में कटेंगे चालानकोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सालासर में कोरोना गाइडलाइन की पालना को लेकर प्रशासन ने काफी सख्त रहेगा। यहां कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने पर पुलिस व प्रशासन की टीम श्रद्धालुओं के चालान भी काटेगी। जो मास्क व सोशल डिस्टेंसिग की पालना नहीं करने के हिसाब से अलग अलग राशि के होंगे।
मंदिरों में कोरोना से लडऩे की तैयारीजिले के दूसरे बड़े शक्ति स्थल शाकम्भरी में भी कोरोना संक्रमण को लेकर अभी से सतर्कता बरती जा रही है। मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग यहां भी श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य की गई है। इसके अलावा भी जिले के सभी दुर्गा मंदिरों में एहतियान कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन, कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच आस्था के इस पर्व पर मंदिरों में कोरेाना गाइडलाइन की पालना करवाना अब भी मंदिर संचालकों के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। जिला प्रशासन भी नवरात्र में मंदिरों में भीड़ नियंत्रित करने की कार्य योजना बना रहा है।
नवरात्र में नहीं भरेगा जीणमाता का मेला, सालासर में निगेटिव रिपोर्ट से दर्शन
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