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भारत में मीडिया द्वारा मानो धर्म की चादर ओढ़ कर, अपराध करने का लाइसेंस दिया जा रहा है

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पिछले कुछ समय से भाजपा के नेता और भगवा चादर ओढ़े रहने वाले चिन्मयानंद का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है, इस देश की एक बच्ची ने चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाया है और कहा है कि चिन्मयानंद लगातार ब्लैकमेल करके उसका 1 साल से शोषण कर रहे थे.

चिन्मयानंद की कोई गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है. चिन्मयानंद पर कोई FIR दर्ज नहीं हुई है. भाजपा द्वारा चिन्मयानंद को पार्टी से निष्कासित तक नहीं किया गया है, ऐसा ही कुछ देखने को मिला था कुलदीप सिंह सेंगर के केस में, लगभग 3 साल बाद जनता के दबाव में और विपक्षी पार्टियों के दबाव में,कुलदीप सिंह सेंगर को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित किया था.

मसला यहां भाजपा द्वारा चिन्मयानंद को पार्टी से निष्कासित ना किए जाने को लेकर नहीं है, मामला धर्म की आड़ लेकर अपराध करने की जो मंजूरी दी जा रही है उसको लेकर है.

चिन्मयानंद का मामला सोशल मीडिया पर काफी तूल पकड़ा हुआ है, लेकिन देश के बड़े टीवी चैनलों में इस मामले को तवज्जो नहीं दी गई. चिन्मयानंद के मामले पर कोई भी डिबेट बड़े न्यूज़ चैनलों पर देखने को नहीं मिली, चिन्मयानंद को लेकर किसी भी बड़े चैनल ने किसी भी कार्यक्रम के तहत भाजपा से सवाल जवाब नहीं किया, चिन्मयानंद के निष्कासन की मांग नहीं की, लेकिन कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर लगातार मीडिया कवरेज देखने को मिल रही है,

दिग्विजय सिंह के बयान को लेकर बड़े-बड़े मीडिया चैनलों द्वारा, दिग्विजय सिंह को और पूरी कांग्रेस पार्टी को हिंदू विरोधी साबित करने की कोशिश की जा रही है.

कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भगवा ड्रेस पहनकर मंदिरों में रेप हो रहे हैं, भगवा ड्रेस पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं, हमारे सनातन धर्म को जिन्होंने बदनाम किया उन्हें ईश्वर भी माफ नहीं करेगा.

दिग्विजय सिंह ने गलत क्या कहा है ? ऐसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं जहां देखने को मिला है कि भगवा चोला ओढ़कर लोग अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे है, महिलाओं बच्चियों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं. आसाराम, नारायण स्वामी जैसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं इस देश में, जिन्होंने भगवा को बदनाम किया है, सनातन धर्म को बदनाम किया है.

अभी हाल ही में चिन्मयानंद का मामला देश के सामने है. चिन्मयानंद ने भगवा की आड में लगातार बच्ची के साथ दुष्कर्म किया, चिन्मयानंद खुद को संत कहते हैं, चिन्मयानंद के समर्थक उनको संत कहते हैं ,चिन्मयानंद के शरीर से भगवा वस्त्र कहीं भी बाहर दिखते हैं तो दिखाई ही देता है फिर दिग्विजय सिंह का बयान कहां गलत है?

चिन्मयानंद द्वारा किए गए जघन्य अपराध पर चुप रहने वाली भारतीय मीडिया, दिग्विजय सिंह के बयान पर दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पर हमलावर है. दिग्विजय सिंह के बयान को मीडिया सनातन धर्म विरोधी साबित करके चिन्मयानंद जैसे अपराधी को भगवा चादर में छुपाकर बचा ले जाना चाह रही है.

पिछले कुछ सालों में देखने को मिला है कि विपक्ष के किसी भी नेता के मुंह से अगर भगवा शब्द निकलता है तो मीडिया तुरंत उस व्यक्ति पर, उस नेता पर हमलावर हो जाती है.

इस देश में क्या भगवा का इस्तेमाल करते हुए अपराध करने का लाइसेंस मिल चुका है ? मीडिया यह बताना चाह रही है? इस देश की जनता और विपक्ष के कुछ नेताओं को छोड़कर सभी नेता भगवा शब्द का इस्तेमाल अपने मुंह से करने में डर रहे हैं ,उनको इस डर का आभास है कि कहीं उन्हें अपराधी न घोषित कर दिया जाए.

हिंदुस्तान की जनता को समझना होगा सनातन धर्म के समर्थकों को, सनातन धर्म के अनुयायियों को यह समझना होगा कि सनातन धर्म की आड़ लेकर या फिर भगवा चोला ओढ़ कर यह जो अपराध करने वाले अपराधी हैं, दरअसल यह सनातन धर्म को और भगवा को बदनाम कर रहे हैं और इन अपराधियों के अपराध पर चुप्पी साधने वाली मीडिया और इन अपराधियों का समर्थन करने वाली पार्टियां दरअसल इस देश में और दुनिया में सनातन धर्म को बदनाम करने का काम कर रही है.

भगवा चोला ओढ़कर अगर कोई अपराधी अपराध करता है तो तुरंत उसे बेनकाब करके उसे उसकी सजा दी जानी चाहिए. मीडिया को भी इसमें देश का सहयोग करना चाहिए. ऐसे लोगों को बेनकाब करने वाले नेताओं का या फिर जनता का. लेकिन मीडिया ऐसे अपराधियों का मौजूदा समय में सुरक्षा कवच बन चुकी है. ऐसे अपराधी अपराध करने से पहले डर नहीं रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि अगर वह भगवा चोला ओढ़ कर सनातन धर्म की आड़ लेकर अगर कुछ गलत करते हैं तो उन पर इस देश के अंदर आंच नहीं आएगी.

इस देश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है, लाखों नौकरियां जा चुकी है, लाखों और जाने वाली है, नए रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो रहे है, देश की जनता पर टैक्स की मार बढ़ती जा रही है, जनता को राहत दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रही है. पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग ₹5 से ₹7 बढ़ने वाले हैं. जनता को कहीं से राहत मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है. देश के किसान परेशान हैं, महिलाएं असुरक्षित है, लेकिन मीडिया लगातार भाजपा और प्रधानमंत्री का महिमामंडन करने में व्यस्त है.

देश के तमाम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए धर्म का लेप लगाकर मीडिया लगातार इस देश के साथ गद्दारी कर रही है, सत्ताधारी पार्टी और सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की हर नाकामी को छुपाने के लिए मीडिया धर्म नाम के कवच को आगे करके इस देश की जनता को गुमराह कर रही है, विपक्ष के नेताओं को बदनाम कर रही है.

दिग्विजय सिंह पर इससे पहले भी मीडिया हमलावर रह चुकी है,भगवा का लेप लगाकर मीडिया ने इससे पहले भी कांग्रेस के साथ-साथ दिग्विजय सिंह को बदनाम किया है. मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर पर दिग्विजय सिंह ने इससे पहले भी बयान दिया था, उस समय भी मीडिया ने भगवा की आड़ लेकर, सनातन धर्म की आड़ लेकर, कांग्रेस को, दिग्विजय सिंह को जनता की नजरों में हिंदू विरोधी साबित करने की कोशिश की थी और कामयाब भी हुई थी.

मीडिया द्वारा देश की जनता की नसों में धर्म की अफीम डाली जा रही है धर्म के नाम पर अपराध को नजरअंदाज करने की कोशिश हो रही है .दिग्विजय सिंह के बयान से ज्यादा अहमियत चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली बच्ची की बातों को दिया जाना चाहिए था . लेकिन मीडिया ने ऐसा नहीं किया.

मीडिया उसी बात पर डिबेट करा रही है, उसी बात पर घंटों तक देश को गुमराह कर रही है, जिस बात पर मौजूदा सत्ता को या मौजूदा सत्ता से संबंधित संगठनों को फायदा हो. इसके अलावा देश के अंदर कोई भी अपराध हो रहा हो, कोई भी समस्या हो, उससे मौजूदा मीडिया को कोई लेना देना नहीं है.

देश को बचाना है या फिर धर्म के नाम पर देश को गृह युद्ध में झोंक देना है, जनता को इस पर सोचना होगा

यह भी पढ़े : भाजपा नेताओं, मीडिया के साथ-साथ पाकिस्तान की मौजूदा सत्ता एक ही भाषा क्यों बोल रही है?

राष्ट्र के विचार
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