उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि उसके अंदर सब कुछ ठीक है, कोई गुट नहीं है, किसी के भी बीच कोई मतभेद नहीं है. लेकिन थोड़ा सा पीछे जाकर देखें और अभी की तस्वीरों को समझे तो सब कुछ साफ हो जाता है. केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) के बयानों पर नजर दौड़ाए तो साफ हो जाता है कि वह योगी के नेतृत्व को खुले दिल से स्वीकार करने के लिए कभी भी तैयार नजर नहीं आए और अभी भी यही हाल है.
उन्होंने पिछले दिनों बयान दिया था कि उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव बीजेपी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का नाम नहीं लिया था. पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी. जिसमें प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) एक्सप्रेसवे के उद्घाटन पर गाड़ी से आगे आगे चलते नजर आए और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीछे अकेले पैदल चलते हुए नजर आ रहे थे. इस तस्वीर का सोशल मीडिया पर काफी मजाक भी उड़ा और विपक्ष के द्वारा तंज भी कसा गया.
बीजेपी की तरफ से आज भी एक तस्वीर जारी की गई. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कंधे पर हाथ रखकर बात करते हुए नजर आए. इस तस्वीर का भी काफी मजाक उड़ा है लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस तस्वीर को लेकर एक ट्वीट किया. आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ की तस्वीर को पोस्ट करते हुए ट्विटर पर लिखा कि, हम निकल पड़े हैं प्रण करके. अपना तन-मन अर्पण करके. जिद है एक सूर्य उगाना है. अम्बर से ऊँचा जाना है. एक भारत नया बनाना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ योगी आदित्यनाथ की जो तस्वीर दिखाई दे रही है, उसमें प्रधानमंत्री आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर वह कॉन्फिडेंस नहीं दिखाई दे रहा है. इसका मतलब यह भी हो सकता है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर लड़े. उत्तर प्रदेश बीजेपी के अंदर सब कुछ ठीक है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केंद्रीय नेतृत्व के बीच भी सब कुछ ठीक है, यह दिखाने की कोशिश हो रही है.
लेकिन बीजेपी हो सकता है उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़े और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पर कतर दिए जाएं. आने वाले वक्त में राजनीति कौन सा करवट लेगी यह तो अभी से नहीं बताया जा सकता. लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर उत्तर प्रदेश का चुनाव बीजेपी जीत जाएगी ऐसा भरोसा शीर्ष नेतृत्व को नहीं है. इसीलिए बार-बार रणनीति बदलती हुई दिखाई दे रही है बीजेपी.
आज जो तस्वीर प्रधानमंत्री मोदी और आदित्यनाथ की वायरल की गई है उससे साफ नजर आ रहा है कि यह जताने की कोशिश हुई है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नेतृत्व द्वारा नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है. लेकिन सवाल यह पैदा हो रहा है कि आखिर बीजेपी को यह साबित करने की जरूरत क्यों पड़ रही है? हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान शीर्ष नेतृत्व का योगी के खिलाफ कोई भी एक्शन भारी पड़ सकता है. इसलिए भी यह एकजुटता दिखाने की कोशिश हो रही है.
The post क्या बीजेपी की अंदरूनी राजनीति में योगी पिछड़ते जा रहे हैं? appeared first on THOUGHT OF NATION.
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