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क्या उत्तर प्रदेश 2022 का झटका झेलने के लिए तैयार है बीजेपी?

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नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में बीजेपी पिछले 7 साल में अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. बेरोजगारी, महंगाई, अपराध पूरे देश में चरम पर है, खासतौर पर उत्तर प्रदेश में अपराधी बेखौफ अपराध को अंजाम दे रहे हैं. यह वही उत्तर प्रदेश है जहां दावे किए जा रहे थे कि अपराधी प्रदेश छोड़कर भाग चुके हैं.
विरोधियों को शासन प्रशासन की मदद से कुचल कर और छोटे-मोटे अपराधियों की संपत्ति बुलडोजर से गिरा कर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) पूरे देश में प्रचारित करवा रहे थे कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था दुरुस्त है, उत्तर प्रदेश में अपराधियों से वही सलूक किया जा रहा है जो होना चाहिए. लोगों में डर पैदा हो रहा है. लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी अपने ही दावों में इस बार फंस चुकी है.
मोदी सरकार में मंत्री के लड़के पर आरोप है कि उसने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी जिसमें कई किसान अपनी जान गवा बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल है कि अपराध साबित हो जाने पर क्या मंत्री के लड़के का घर बुलडोजर से गिराया जाएगा? विरोधियों का तो अपराध भी अभी साबित नहीं हुआ. केस चल रहा है उसके पहले ही संपत्ति गिरा दी गई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल है कि क्या मोदी सरकार में मंत्री के लड़के के पोस्टर पूरे उत्तर प्रदेश में लगाए जाएंगे, अपराधियों की तरह, जैसे पहले दावे किए जाते रहे हैं योगी आदित्यनाथ द्वारा?
सरकार की आलोचना करने वालों पर तुरंत F.I.R और गिरफ्तारी हो जाती है. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी मंत्री के लड़के की गिरफ्तारी नहीं हुई. पूछताछ के लिए थाने बुलाया जाता है तो मंत्री के घर पर नोटिस चस्पा किया जाता है. उठाया नहीं जाता है मंत्र के लड़के को. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रचार के भरोसे अभी तक चल रही थी.
विरोधियों पर प्रशासन की मदद से दबाव बनाकर और कार्रवाई करके मीडिया में प्रचारित किया जा रहा था कि अपराधियों पर लगाम लगा रही है योगी सरकार. लेकिन अब सच्चाई सामने आई है क्योंकि जिस पर आरोप है वह भाजपा के बड़े नेता और मंत्री का लड़का है. अभी तक भाजपा मंत्री के लड़के की गिरफ्तारी तक नहीं कर पाई है योगी सरकार और तमाम सबूत वीडियो में दिखाई दे रहे हैं.
विपक्ष के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचल कर पीड़ित परिवारों से जल्दी मिलने नहीं देती योगी सरकार. जो पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहता है उस पर सख्ती दिखाती है उत्तर प्रदेश की पुलिस. लेकिन अपराधियों के आगे सरेंडर करती हुई नजर आती है उत्तर प्रदेश की पुलिस. कमजोर लोगों पर रौब दिखाती है उत्तर प्रदेश पुलिस. लेकिन अपराधियों के सामने घुटने टेक देती है उत्तर प्रदेश की पुलिस. मीडिया बीजेपी के इशारे पर किस कदर काम कर रही है इसका सबूत भी लखीमपुर मामले में मिल चुका है.
विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस इस पूरे मुद्दे पर प्रियंका गांधी के नेतृत्व में काफी आक्रामक नजर आई. मीडिया बीजेपी के बचाव में खड़ा रहा, विपक्ष पर आरोप लगाता रहा कि विपक्ष राजनीति कर रहा है. मीडिया दरअसल चाहता ही नहीं था कि विपक्ष बीजेपी की नाकामियों को जनता के सामने रखे. मीडिया हर हाल में बीजेपी का बचाव करने की कोशिश कर रहा था. इन्हीं सब घटनाओं के बीच कश्मीर से भी दिल दहलाने वाली खबर आई. आतंकवादियों ने स्कूल में खड़े होकर कुछ लोगों को गोली मार दी.
इस मुद्दे पर भी मीडिया विपक्ष से सवाल करने लगा और पूछने लगा कि जो लोग लखीमपुर जा रहे हैं क्या वह कश्मीर भी जाएंगे? दरअसल कश्मीर के नाम पर, कश्मीरी पंडितों के नाम पर मीडिया एक बार फिर से देश की जनता की भावनाओं से खेलते हुए उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी के लिए हवा बनाने की कोशिश कर रहा है. मीडिया लखीमपुर जाने वाले विपक्ष के नेताओं पर राजनीति करने का आरोप लगाकर जनता के सामने यह प्रश्न खड़े कर रहा है कि विपक्ष कश्मीर क्यों नहीं जा रहा है.
कश्मीर के नाम पर, कश्मीरी पंडितों के नाम पर, मुस्लिमों के लिए पूरे देश में नफरत फैलाकर वोटों की फसल दूसरे प्रदेशों के चुनाव में भी काटी जा सकती है, यह बात मीडिया को बहुत अच्छे से पता है. और उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले लखीमपुर घटना को लेकर बीजेपी के मंत्री के बेटे को बचाने के लिए मीडिया एक बार फिर से कश्मीर का राग अलापने लगा है. लेकिन इस बार मोदी की चरण वंदन करने वाले पत्रकारों और मीडिया से गलती हो गई है. जाने अनजाने में मोदी समर्थक पत्रकारों ने और मीडिया ने देश के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और केंद्र की मोदी सरकार को एक्सपोज कर के रख दिया है.
दरअसल धारा 370 हटाई गई थी उस समय कहा गया था कि कश्मीर से आतंकवाद का नामोनिशान खत्म हो जाएगा. लेकिन एक के बाद एक कई आतंकवादी घटनाएं कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद हुई, लेकिन बीजेपी से सवाल नहीं किया गया. लखीमपुर की घटना को दबाने के लिए कश्मीर में हुई वारदात को उठाकर बीजेपी के समर्थक पत्रकारों ने खुद बीजेपी की पोल खोल कर रख दी है. नोटबंदी हुई थी उस समय कहा गया था कि आतंकवादियों की कमर टूट जाएगी. धारा 370 और नोटबंदी को मास्टर स्ट्रोक बताया गया था आतंकवाद के खात्मे के लिए. लेकिन इन दोनों की पोल खुद बीजेपी समर्थक पत्रकारों ने खोलकर रख दी है.
जम्मू कश्मीर में आतंकवादी लगातार आम इंसानों को मौत के घाट उतार रहे हैं. मीडिया विपक्षी से सवाल क्यों कर रहा है, देश के गृह मंत्री अमित शाह से सवाल क्यों नहीं कर रहा है? मीडिया बीजेपी से, प्रधानमंत्री मोदी से और असम से लेकर उत्तर प्रदेश और कश्मीर तक में हिंसा को रोकने में नाकाम गृहमंत्री अमित शाह के यह सवाल पूछने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा पा रहा है कि, जिस धारा 370 हटाने का जश्न मनाया गया था और यह बताने की कोशिश की गई थी कि कश्मीर पाकिस्तान में था, उसको जीतकर हिंदुस्तान में मिला लिया है, उस कश्मीर में अब भी आतंकवादी घटनाएं लगातार क्यों हो रही है?
विपक्ष के नेता लखीमपुर जाते हैं तो उन पर राजनीति का आरोप लगाती है मीडिया और कश्मीर में आतंकवादी किसी वारदात को अंजाम देते हैं तो कहती है विपक्ष के नेता क्यों नहीं जा रहे हैं. आखिर मीडिया कब तक एक नाकाम प्रधानमंत्री को, एक नाकाम गृह मंत्री को बचाने के लिए विपक्ष को बदनाम करती रहेगी? मीडिया जाने अनजाने में कश्मीर का जिक्र विपक्ष को बदनाम करने के लिए करके बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गड्ढा खोद चुकी है.
अगर विपक्ष उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर साथ ही साथ धारा 370 और नोटबंदी के बाद भी जो कश्मीर में लगातार आतंकवादी घटनाएं हो रही है इस पर बीजेपी से सवाल करते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार का आगाज करता है तो निश्चित तौर पर यह बीजेपी के लिए चुनावी रिजल्ट के रूप में एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. खबर तो यह भी आ रही है कि कश्मीर से हिंदुओं का पलायन भी धीरे-धीरे शुरू हो चुका है.
कश्मीर में बीजेपी का शासन है धारा 370 हट चुकी है, उसके बाद भी अगर यह सब कुछ हो रहा है तो यह बीजेपी की एक बड़ी विफलता है. बीजेपी के मंत्री ही अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं, मंत्रियों के परिजन ही अपराधों में शामिल हैं. कश्मीर से लेकर उत्तर प्रदेश और असम तक हिंसा हो रही है. विपक्ष अगर रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरता है तो बीजेपी को उत्तर प्रदेश में सरकार बचाना मुश्किल हो जाएगा.
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