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क्या अपने बयानों पर कायम है भाजपा और खुद PM मोदी?

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पहले कहा था सरकार की नाकामी का सबूत- नरेन्द्र मोदी ने कहा था, जावड़ेकर बोले थे- 34 रुपए में म‍िल सकता है पेट्रोल. भारत में पेट्रोल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. दिल्ली में इस समय पेट्रोल की कीमत 89.29 रुपये प्रति लीटर है, वहीं डीजल की 79.70 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
लगातार बढ़ते कीमत को लेकर विपक्षी दलों की तरफ से सरकार पर हमले बोले जा रहे हैं. विपक्षी दल प्रधानमंत्री को उनके पुराने ट्वीट याद दिलवा रहे हैं जिनमें उन्होेंने लिखा था, पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी यूपीए सरकार की नाकामी है. इससे करोड़ों गुजरातियों पर असर पड़ेगा. गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के अंदर नहीं रखा गया है.
आधार कीमत पर केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से वैट और एक्साइज शुल्क जोड़ा जाता है. डीलर कमीशन जुड़ने के बाद रिटेल प्राइस चार गुना तक अधिक होने की संभावना रहती है. फिलहाल एक लीटर पेट्रोल पर कुल 32.98 पैसे की एक्साइज ड्यूटी लगती है जबकि डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती है. वैट सभी राज्य सरकारों की तरफ से तय किया जाता है.
डीलर कमीशन औसत रूप से 3.67 रुपये है. 14 सितंबर, 2013 को पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये प्रति लीटर थी. लगभग पांच साल बाद 21 मई, 2018 को दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत 76.57 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई थी. अब इसकी कीमत में एक बार फिर लगभग 13 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है. साल 2012 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी.
तब नरेंद्र मोदी ट्वीट किया था कि पेट्रोल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला संसद के सत्र के खत्म होने के एक दिन बाद लेना संसद की गरिमा को चोट पहुंचाना है. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि यूपीए सरकार कसाई खानों को सब्सिडी देती है और डीजल की कीमतों को बढ़ाती है. क्या ये कांग्रेस की दिशा है?

UPA gives subsidy to slaughter houses but rations LPG cylinders & hikes diesel price. Is this Disha of Congress? http://t.co/4UaPxhqC
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2012

2014 के चुनावों में बीजेपी की तरफ से पोस्टर जारी कर कहा गया था, बहुत हुई जनता पर पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार. 7 नवंबर 2011 को बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था, हम चैलेंज के साथ कह सकते हैं कि पूरी तरह से रिफाइंड पेट्रोल दिल्ली में 34 रुपये और मुंबई में 36 रुपये से मिल सकता है तो उसके दोगुने दाम क्यों सरकार की तरफ से लिए जा रहे हैं? बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने 25 जुलाई, 2012 को कहा था कि जब पेट्रोल के दाम बढ़ते हैं तो सरकार एक्साइज़ ड्यूटी पर मुनाफा भी कमाती है. सरकार को कोई नैतिक अधिकार नहीं है आम आदमी की बात करने का.
क्या सरकार कीमतें नहीं घटा सकती है?
सरकार के पास पेट्रोलियम उत्पादों के दाम घटाने के अधिकार हैं. कीमतों को डीरेगुलेट करने और इन पर टैक्स घटाने के विकल्प भी शामिल हैं. 15 जून 2017 से देश में पेट्रोल, डीजल की कीमतें रोजाना आधार पर बदलने की शुरुआत कर दी गयी, इससे पहले इनमें हर तिमाही में बदलाव हुआ करता था.
कीमत बाजार के हाथों में चले जाने के बाद इसमें अधिक तेजी देखने को मिल रही है. भारत के पड़ोसी देशों में पेट्रोल की कीमत भारत की तुलना में काफी कम है. पाकिस्तान में पेट्रोल की बात करें तो यहां कीमत करीब 51 रुपए के आसपास है. श्रीलंका में पेट्रोल 60.26 रुपये में मिल रहा है. भूटान में इसकी कीमत 49.56 रुपये हैं.
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