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कोटा के पानी में बढ़ी टर्बिडिटी, मिनरल वॉटर खरीद कर बुझा रहे प्यास

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कोटा.चौबीस घंटे चंबल का पानी पीने वाला शहर जलदाय विभाग की अनदेखी के चलते बूंद बूंद पानी को तरस गया। लगातार हो रही बरसात से पानी में आई गंदगी के चलते शहर को शुक्रवार को जलापूर्ति प्रभावित हो गई। सुबह से ही नलों में पानी नहीं आया। जलदाय विभाग के अनुसार गुरुवार को पानी में अधिशासी अभियंता इससे नल और लोगों के हलक सूख गए। इससे शहर में पानी के लिए त्राहि त्राहि मच गई। लोगों ने बाजारों से पानी खरीदकर पीया। कई लोगों को टैंकर मंगवाने पड़े।
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इस मामले में जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता भारतभूषण मिगलानी ने बताया कि गुरुवार से ही पानी में टर्बिडिटी अने लग गई थी। जैसे जैसे पानी का फ्लो बढ़ता गया टबिडिटी धीरे धीरे यह बढ़ती चली गई। शुक्रवार को सुबह 200 एनटीयू (पानी में मेलापन मापने की इकाई ) हो गई। इससे जल शोधन प्रभावित हो गया। मिगलानी के अनुसार शाम को यह घटकर 130 के करीब रह गई। उन्होंने बताया कि टबिडिटी कम होते ही जलापूर्ति शुरू कर दी जाएगी। मिगलानी के अनुसार सामान्यतया 15 से 20 एनटीयू तक टर्बिडिटी तक समस्या पैदा नहीं होती। इसके बाद परेशानी होने लगती है। लोग यह भी नहीं समझ पाए कि आखिर पीने के पानी का बंदोबस्त कैसे होगा। घर व प्रतिष्ठानों मेंका क्या करें। इससे पहले शुक्रवार को जलापूर्ति नहीं होने से घरों में संग्रहित पानी भी रीत गया। आमतौर पर रोजाना नल आने से लोग घरों में पानी भी आवश्यकतानुसार ही संग्रहित रखते हैं, लेकिन शुक्रवार को नल नहीं आया तो उनकी मुश्किल बढ़ गई। लोगों को बाजार से पानी का बंदौबस्त करना पड़ा।

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