सीकर।Digital Fraud : तकनीकी और हाइटेक युग में आपराधी भी शातिराना अंदाज में तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को शिकार बना रहे है। बैंक अधिकारी बनकर या ओटीपी पूछकर खातों से रुपए उड़ाना तो अब आम हो गया है। इसको लेकर लोग सतर्क भी रहते है लेकिन, ठग किसी न किसी तरकीब से उनको शिकार बना लेते है। डिजिटल युग में हर काम आजकल ऑनलाइन ( Digital Work ) हो गया है। ऐसे में सबसे ज्यादा ठगी ( Online Fraud ) मोबाइल के माध्यम से होती है।इनसे बचने और लोगों को जागरुक करने के लिए सीकर के नीमकाथाना में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( Securities and Exchange Board of India ) सेबी ( SEBI ) ने महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय में आंगनबाड़ी कार्यकताओं के लिए वित्तीय जागरुकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। सीडीपीओ संजय चेतानी ने कहा कि डिजिटल भुगतान ( Digital Payment ) के साथ ही ऑनलाइन ठगी के नित नए प्रकरण सामने आ रहे हैं।सेबी के रिसोर्स पर्सन सतीश यादव ने बताया कि फर्जी बैंक अधिकारी बनकर एटीएम की गोपनीय जानकारी पूछकर ऑन लाइन ठगी करना, एलआईसी या इंश्योरेंस अधिकारी बनकर ठगी आदि तरीके प्रचलित हैं। संभागियों को सेबी की ओर से वित्तीय शिक्षा पुस्तिका का नि:शुल्क वितरण किया गया। कार्यशाला का संचालन ब्लॉक कॉर्डिनेटर अंशुल श्रीवास्तव और शेर सिंह मीणा ने किया।12 एमबी से कम की एप्लीकेशन नहीं करें डाउनलोड ( Digital Fraud Prevention Tips )ऑनलाइन लेन देन हेतु 12 एमबी से कम के किसी भी एप्लीकेशन को अपने फोन में डाउनलोड नहीं करें। उनके फर्जी होने की आशंका रहती है। चिटफ ण्ड कम्पनियों से सावधान रहने, एटीएम का इस्तेमाल करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी। ऑनलाइन ठगी का शिकार होते ही पीडि़त को तुरंत पुलिस को सूचना देनी चाहिए। ठगी के बाद पुलिस एवं बैंक को सूचना देने में जितनी देरी होगी, राशि पुन: प्राप्त करने में उतनी ही कठिनाई होगी। संभागियों से आग्रह किया कि मोबाइल से किसी को भी अपना एटीएम कार्ड नम्बर, ओटीपी, कार्ड के सीवीवी नम्बर की जानकारी साझा नहीं करें।सेबी टोल नंबर फ्री पर करें कॉलविभिन्न प्रकार की वित्तीय कम्पनियों की सत्यता के सम्बन्ध में जांच के लिए सेबी के टोल फ्री नम्बर ( SEBI Toll Free Number ) 18002667575 पर करने का सुझाव देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति इन नम्बरों पर वित्तीय जानकारी प्राप्त कर सकता है।
अपने मोबाइल से तुरंत हटा दे 12 MB से कम साइज वाले Apps, नहीं तो पड़ सकता है भारी
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