नीमकाथाना/पाटन. नीमकाथाना में जिम्मेदारों की शह पर कहीं अवैध खनन का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है तो कहीं बहुत तादाद में अवैध निर्गमन किया जा रहा है। खनन कारोबारियों की विभाग में सेंधमारी होने की वहज से विभाग कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे हुए बैठा है। चार दिन पहले मीणा की नांगल स्थित जिस खदान में भरे पानी में युवक की डूबने से मौत हुई थी। सूत्रों के अनुसार उस खदान में जमकर खनिज संपदा का अवैध निर्गमन किया गया है। खान में वर्ष 2006-07 से कार्य शुरू किया गया जो 2016 तक जारी रहा। आंकड़ों के अनुसार खान से करीब 39 हजार टन माल निकाला गया है। जबकि खदान की वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो उसमे करीब 5 लाख टन से अधिक चेजा पत्थर निकालकर निर्गमन किया हुआ प्रतीत हो रहा है। इलाका हरियाणा क्षेत्र से सटा होने के कारण खनिज दूसरे राज्यों में धड़ल्ले से ले जाया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस खदान से भी ऐसा ही हुआ है। ऐसे में सरकार को करोड़ों रुपयों का राजस्व का नुकसान हो रहा है। गांव में ओर भी कई खदानें है जिनका सीधा माल दूसरे राज्यों में जा रहा है। वहीं सड़कों पर दौड़ते ओवर लोड डंपरों से भी लोगों का सफर किसी चुनौती से कम होता है।साठ-गांठ से अवैध खनन का सरंक्षणक्षेत्र में हो रहा अवैध खनन व अवैध निर्गमन का कारोबार स्थानीय लोगों का सहयोग लेकर करते है। जिसमें खननकर्ता विभाग से साठगांठ कर अवैध निर्गमन व खनन कारोबार का सरंक्षण प्राप्त करता। ऐसे में कई बार ग्रामीणों की शिकायत आती है तो अधिकारी राजनीति दबाव में आकर केवल खानापूर्ति कर शिकायत को रद्दी की टोकरी में डाल देते है।…लीज एरिया की जांच करें तो खुले पोलक्षेत्र में स्वीकृत सैकड़ों खदानों में खनन का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। अगर विभाग आंवटित सभी लीज एरिया की जांच करें तो पोल खुलकर सामने आ सकती है। कई लीज धारक तो ऐसे भी है जो बिना रवन्ना काटे ही माल की सप्लाई करते है। उनक डंपरों को सड़क पर रोकने को अधिकारी भी कतराते है।
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