सीकर. विदेश में अप्रूव्ड यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कराने के नाम से छात्र से 17 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। छात्र को टूरिस्ट वीजा पर भेज दिया। वहां पर पहुंचने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। उद्योगनगर पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रशांत पुत्र पूर्णाराम निवासी बिरानियां फतेहपुर ने मामला दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस करने के लिए मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया से अप्रूव्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी की तलाश कर रहे थे। उसके मामा के लडक़ा हरीश ई मित्र की दुकान करता है। उसने बताया कि उसका राकेश भूकर है। वह महेश ढाका और रविंद्र काजला के साथ काम करता है। वह विदेश से छात्रों को भेज कर एमबीबीएस करवाते है। तब जुलाई में वह अपने पिता और हरीश कुमार के साथ पिपराली रोड पर उनके आफिस स्काईडर कंसलटेंसी में गए। वहां पर महेश ढाका और रविंद्र काजला ने उन्हें बताया कि यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के बीलाइज में कोलम्बस सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। यूनिवर्सिटी पांच साल एमबीबीएस करवाती है और उसका खर्चा 41 लाख रुपए आएगा। उन्होंने कॉलेज की साइट पर यूनिवर्सिटी का नाम मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की सूची में शामिल दिखाया था। इसके बाद उन्होंने कॉलेज में पहले सेमेस्टर के नाम पर 17 लाख रुपए मांगे। वे सब लोग दोनों के झांसे में आ गए। इसके बाद जीजा राजकुमार के खाते से 2.50 लाख, हरीश ने 3.90 लाख रुपए नगद, पिता के खाते से 3.25 लाख रुपए व 3.60 लाख रुपए नगद व अलग बैंक के जरिए उन्हें 17 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद दोनों ने उसे 3 नवम्बर को बीलाइज में कोलम्बस सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए भेज दिया। वह 5 नवम्बर को वहां पर पहुंच गया।
स्टूडेंट वीजा की बजाय टूरिस्ट वीजा पर भेजा वह बीलाइज में पहुंचा तो पता लगा कि दोनों ने उसे स्टूडेंट वीजा पर नहीं भेजा है। उसे टूरिस्ट वीजा पर भेज कर ठगी की गई है। साथ ही दोनों ने उनको कॉलेज की फर्जी साइट दिखाई थी। जिसमें यूनिवर्सिटी का नाम मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की सूची में शामिल दिखाया था। उसने 2020 की में एमसीआई की अप्रूव्ड लिस्ट देखी तो पता लगा कि कोलंबस सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉलेज का नाम मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया की सूची में शामिल नहीं था। तब उसने महेश ढाका और रविंद्र काजला को फोन किया तो दोनों ने फोन नहीं उठाया।
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