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रियलिटी चैक: कहीं शपथ पत्र से छोड़ा, तो कहीं क्वारंटीन सेंटर से खुद भाग गए

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सीकर. कोरोना को हराने के लिए राज्य सरकार की ओर से लागू रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े के कायदे हवा हो रहे हैं। पहले दिन सीकर जिले में 225 लोगों को दोपहर को बिना काम घूमने पर संस्थागत क्वॉरंटीन सेंटर भेजा गया। यहां भोजन व खाने के इंतजाम नहीं होने की वजह से व्यवस्था मजाक बन गई। कही से क्वॉरंटीन व्यक्ति भाग गए तो कही बिना कोरोना जांच के ही छोड़ दिया गया। जिले में लोसल सहित अन्य थाना क्षेत्रों में कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही छोड़ा गया। जबकि खाटूश्यामजी इलाके में क्वॉरंटीन लोगों के दूसरे दिन कोरोना जांच कराई गई। दूसरे दिन पुलिस के तेवर कही ढ़ीले तो कही आक्रामक ही नजर आए।
केस एक: दिन में पकड़ क्वॉरंटीन सेंटर छोड़ा, रात को शपथ पत्र भरवाकर घर भेजा
नीमकाथाना. राज्य सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइड लाइन के तहत दोपहर 12 बजे बाद कस्बे की सड़कों पर प्रशासन को कोई भी व्यक्ति बेवजह घूमता पाया गया तो उसे पुलिस पकड़कर संस्थागत क्वारॅंटीन कर रही है। कस्बे में छावनी रोड पर स्थित राजकीय गजानंद मोदी स्कूल में पहले दिन 14 युवकों को संस्थागत क्वॉरंटीन किया। युवकों के मेडिकल टीम द्वारा सैंपल भी लिए गए, लेकिन प्रशासन ने रात को ही सभी युवकों से शपथ पत्र लेकर उनको घर पर ही आइसोलेट होने की नसीहत देकर छोड़ दिया। जबकि गाइड लाइन में व्यक्ति की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आने तक सेंटर पर ही रखने की बात कही गई है। रात को सेंटर पर ठहरने वालों के खानपान की व्यवस्था भी प्रशासन की ओर से की जानी थी।
चार लोगों छोडऩे पर दूसरों जताया विरोधखाटूश्यामजी. रींगस रोड पर स्थित मूक बधीर विद्यालय में बनाए गए क्वॉरंटीन सेंटर में मंगलवार को जोबनेर के चार जनों को एसडीएम के कहने पर छोडऩे से बाकी लोगों ने विरोध जाहिर करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। जयपुर के प्रमोद शर्मा व विजय जयपुर, प्रहलादराम धीरजपुरा आदि ने पत्रिका को बताया कि प्रशासन खुद ही नियम बनाता है और खुद ही उसे तोड़ता है, नियम सबके लिए एक जैसे होने चाहिए। लोगों ने बताया कि हमें सोमवार को दोपहर एक बजे पुलिस ने पकडकऱ क्वॉरंटीन किया। मगर दूसरे दिन मंगलवार को दोपहर साढ़े बारह बजे हमारे सैंपल लिए गए। जबकि स्वास्थ्य विभाग को हमारा सैंपल उसी दिन लेना चाहिए। लोगों ने पुलिस पर भी आरोप लगाया कि हमें सोमवार को दोपहर एक बजे पकड़ा। मगर आज दो बजे तक पुलिस ने एक भी व्यक्ति को क्वॉरंटीन नहीं किया। जबकि रींगस रोड पर वाहनों की खूब आवाजाही हो रही थी।
खाटू में क्वॉरंटीन किए गए लोगों में एक जने के बावासीर की बीमारी थी और उसके तीन अन्य साथी जो जोबनेर के थे उसे दिखाने के लिए लेकर आए थे। बीमारी को देखते हुए उन्हें छोडऩा पड़ा।अशोक कुमार रणवां (उपखंड अधिकारी, दांतारामगढ)
पलसाना: यहां ग्राम पंचायत व स्कूल ने संभाला मोर्चा
रानोली क्षेत्र में पुलिस ने बिना वजह बाहर घूमने वाले सात जनों को पकड़कर पलसाना के राजकीय स्कूल में बने सेंटर पर क्वॉरंटीन किया है। लोगों के खाने पीने की व्यवस्था ग्राम पंचायत की ओर से की गई है। ग्राम पंचायत की ओर से सुबह शाम दोनों समय खाने के टिफिन भेजे जा रहे है। वहीं विद्यालय कक्षा कक्षों में ठहरने की व्यवस्था की गई है। सभी लोगों के मंगलवार सुबह कोरोना जांच के लिए सैम्पल लेकर भेजे गए है। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही पकड़े गए लोगों छोड़ा जाएगा। यहां ऐसे लोगों की निगरानी के लिए स्कूल के स्टाफ ने मोर्चा संभाल रखा है।
सैम्पल रिपोट नेगेटिव आने के बाद हिदायत देकर छोड़ाधोद. धोद उपखण्ड मुख्यालय पर क्वारन्टीन सेंटर शुरू होने से साथ ही प्रशासन ने बेवजह बाहर घूमने वाले आठ जनों को क्वॉरंटीन सेंटर छोड़ा था। जिनकी कोरोना जांच करवाई गई। जो सोमवार को रिपोट नेगेटिव आने के बाद उन्हें सख्त हिदायत देकर छोड़ दिया। इस दौरान एक युवक सोमवार शाम को ही क्वॉरंटीन सेंटर से भाग गया था।
युवकों के लिए शाम को खाने को लेकर असमंजस में रहा प्रशासन।
सोमवार सुबह से प्रशासन ने सख्ती के साथ आवारा घूम रहे लोगो को क्वॉरंटीन सेंटर में भेजने से साथ ही शाम को प्रशासन युवकों के खाने की व्यवस्था को लेकर सकते में आ गया। क्योंकि क्वारन्टीन सेंटर में लाए गए लोगो के लिए खाने की व्यवस्था को लेकर सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। कि लोगो के लिए खाने की व्यवस्था कोन करेगा। अंत मे उपखंड स्तर के अधिकारियों ने अपने स्तर पर लोगो के खाने की व्यवस्था करवाई।
चालान काट कर छोड़ दियाकांवट.कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में लापरवाह लोगों के लिए बनाए गए संस्थागत क्वॉरंटीन सेंटर पर सोमवार को तीन लोगों को पकड़कर क्वॉरंटीन किया। लेकिन विद्यालय में खाने-पीने की व्यवस्था नही होने पर कुछ देर बाद ही उन्हे चालान कर छोड़ दिया गया। मंगलवार को बेवजह घूमने वाले एक भी व्यक्ति को संस्थागत क्वॉरंटीन नही किया गया। मंगलवार शाम चार बजे पत्रिका संवाददाता ने संस्थागत क्वॉरंटीन सेंटर की पड़ताल की तो बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां पर कमरा नंबर 18 व 42 को क्वॉरंटीन के लिए चुना गया था। पड़़ताल के दौरान कमरा नंबर 18 के ताला लगा हुआ था और कमरा संख्या 42 में भी व्यवस्थाओं के नाम पर कमरे में केवल दरी बिछी हुई थी। यहां पर रखे जाने वाले लोगों के लिए कोई व्यवस्था नही की गई। संस्थागत सेंटर पर मौजूद कार्मिक रामवतार जांगिड़ ने बताया कि सोमवार को पुलिस तीन लोगों को क्वॉरंटीन करके गई थी। लेकिन पुलिस ने थोड़ी देर बाद ही सभी को छोड़ दिया।

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