- Advertisement -
HomeNewsसिद्धू के इस्तीफे से हैरत में गांधी परिवार, नहीं माने तो कड़े...

सिद्धू के इस्तीफे से हैरत में गांधी परिवार, नहीं माने तो कड़े फैसले की संभावना

- Advertisement -

नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है. सबसे बड़ा झटका उन्होंने गांधी परिवार को दिया है, जिन्हें उम्मीद थी कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलने से राज्य में सियासी उथल-पुथल खत्म हो जाएगी.
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज सुबह साढ़े 10 बजे कैबिनेट की एक और मीटिंग बुलाई है. सिद्धू के इस्तीफे के बाद यह दूसरी कैबिनेट मीटिंग है. सिद्धू ने मंगलवार को अपना त्याग पत्र ट्वीट करते हुए सोशल मीडिया पर पंजाब कैबिनेट में चल रहे बदलावों पर नाखुशी जताई थी.
पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, हरीश रावत का दौरा रद्द किया जा रहा है और आलाकमान पूरी तरह से चरणजीत सिंह चन्नी के साथ ही है. अब नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू की जा रही है. माना जा रहा है कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वर्किंग प्रेसिडेंट कुलजीत नागरा और लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू का नाम नए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में आगे चल रहा है.
सिद्धू की ‘बगावत’ के आगे नहीं झुकेगा कांग्रेस आलाकमान, नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरू हो चुकी है. कांग्रेस में मचे बवाल के बाद अब नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की कोशिशें की जा सकती हैं. बुधवार को पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच सकते हैं. लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला में हैं, ऐसे में देखना होगा कि कौन किसके पास पहुंचता है.
नवजोत सिद्धू ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में लिखा, किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं. उन्होंने लिखा, इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं. कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा.
उन्होंने जुलाई में पंजाब में पार्टी की कमान संभाली थी. सूत्रों का कहना है कि सिद्धू नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा किए गए कैबिनेट बदलाव से नाराज थे, जो उनके करीबी माने जाते थे. हालांकि कुछ फैसलों के मामलों में सिद्धू “सुपर सीएम” के रूप में देखे जा रहे थे लेकिन हाल की नियुक्तियों में उन्हें कथित तौर पर नजरअंदाज कर दिया गया था, जिसे विवादास्पद माना गया था. वह “बेअदबी” मामले से जुड़े अधिकारियों को प्रमुख पद दिए जाने से भी नाराज थे.
सूत्रों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू अपने प्रतिद्वंद्वी एसएस रंधावा को महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए जाने से भी नाराज थे. सिद्धू के त्यागपत्र में “समझौता” शब्द उसी संकेत की ओर इशारा है, जो उन्हें कैबिनेट फेरबदल में कुछ अप्रिय विकल्पों को स्वीकार करने के लिए कहा गया था. सिद्धू की मुहिम के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाए गए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद मंगलवार को पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि सिद्धू स्थिर व्यक्ति नहीं हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, मैंने आपसे कहा था… वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए वह उपयुक्त नहीं है. पंजाब कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के इस तरह के नाटकीय घटनाक्रम में शीर्ष पदों से हटने से राज्य में कांग्रेस को आगामी चुनावों में नुकसान उठाना पड़ सकता है, जबकि अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी को फायदा हो सकता है. आप पंजाब में आक्रामक तरीके से प्रचार कर रही है.
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी के चीफ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज पंजाब के दो दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे. माना जा रहा है कि विधान सभा चुनावों के मद्देनजर केजरीवाल अपने पंजाब दौरे के दौरान ‘बड़ी’ घोषणाएं कर सकते हैं. पंजाब चुनाव से चार महीने पहले सिद्धू का इस्तीफा, पार्टी नेतृत्व के कई फैसलों पर सवाल खड़ा करता है. पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने के महज दो दिन बाद ही मलेरकोटला की विधायक रजिया सुल्ताना ने मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
सुल्ताना ने कहा, सिद्धू साहब सिद्धांतों के व्यक्ति हैं. वह पंजाब और पंजाबियत के लिए लड़ रहे हैं. पंजाब कांग्रेस महासचिव योगिंदर ढींगरा और कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी इस्तीफा दे दिया है. पंजाब कांग्रेस के सियासी संकट पर मंगलवार की शाम राज्य कैबिनेट की एक बैठक हुई. बुधवार सुबह फिर से कैबिनेट की दूसरी बैठक चंडीगढ़ में होगी. सूत्रों ने कहा कि पंजाब कांग्रेस महासचिव परगट सिंह को सिद्धू को मनाने के लिए कहा गया है, जो इस समय पटियाला में हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के कुछ दिन बाद अमरिंदर सिंह भविष्य की अपनी रणनीति को लेकर लग रही अटकलों के बीच मंगलवार को दिल्ली पहुंचे. सिंह द्वारा 18 सितंबर को इस्तीफा दिए जाने के बाद उनकी यह पहली दिल्ली यात्रा है. मीडिया की कुछ खबरों में दावा किया गया कि सिंह दिल्ली में भाजपा के कुछ नेताओं से मिल सकते हैं, जिसके बाद अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने उनकी यात्रा को लेकर स्पष्टीकरण दिया.
ठुकराल ने कहा कि सिंह निजी दौरे पर गए हैं. ठुकराल ने ट्वीट किया, कैप्टन अमरिंदर के दिल्ली दौरे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. वह निजी दौरे पर गए हैं. इस दौरान वह अपने कुछ दोस्तों से मिलेंगे और नए मुख्यमंत्री के लिए कपूरथला हाउस छोड़ेंगे. अनावश्यक अटकलों की कोई वजह नहीं है.
The post सिद्धू के इस्तीफे से हैरत में गांधी परिवार, नहीं माने तो कड़े फैसले की संभावना appeared first on THOUGHT OF NATION.

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -