सीकर. कोरोना काल में मास्क जितना जरूरी है उतना ही जरूरी जरुरतमंदों तक भोजन पहुंचाना है। इसी सोच को सीकर शहर के एक दंपति साकार रूप देने में जुटे हैं। जो पिछले एक साल से न केवल खुद घर पर मास्क बनाकर उनका निशुल्क वितरण कर रहे हैं, बल्कि जहां भी जरुरत होती है वहां भोजन व राशन भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके लिए वे बकायदा हेल्पलाइन नम्बर तक जारी कर चुके हैं। संक्रमण काल में सेवा की यह दास्तां जयपुर रोड निवासी भंवरलाल जांगिड़ व समता जांगिड़ की है। कोरोना की पहली लहर के दौरान जब मास्क व जरुरतमंदों के पास भोजन का टोटा था, तब से इन्होंने मास्क व राशन बांटने की मुहिम शुरू की।
हेल्पलाइन नंबर जारी कर बांटा भोजन कोरोना की पहली लहर के दौरान उन्होंने हेल्पलाइन नंबर के जरिए निशुल्क खाना व सूखी राशन सामग्री देने की मुहिम शुरू की थी। अब भी किसी मौहल्ले से कोई कॉल आता है तो वह खुद टिफिन लेकर पहुंच जाते हैं।
पति-पत्नी दोनों घर पर सिलते है मास्ककोरोना की पहली लहर के दौरान बाजार में मास्क महंगे दामों में नहीं मिलने की समस्या सामने आई थी। इस पर उन्होंने दिल्ली की कंपनी को ऑर्डर कर खादी के कपड़े की थान मंगवा ली। सुबह दो घंटे व शाम को तीन घंटे पति-पत्नी मिलकर मास्क सिलने का काम करते हैं। अगले दिन पति शहर के विभिन्न बाजार, अस्पताल व मुख्य मार्गो पर मास्क बांटने के लिए निकल जाते है। रोजाना करीब 500 से 700 मास्क बांटना उनकी दिनचर्या में शुमार है।
28 साल से अस्पताल में सेवा देना दिनचर्याजांगिड़ परिवार पिछले 28 साल से अधिक समय से अस्पताल में मरीजों व उनके साथ आने वाले परिजनों की सेवा में भी जुटा है। किसी को उपचार के पैसे देना तो किसी के परिजनों के लिए ठहरने व खाने का इंतजाम करने का काम भी वह सालों से कर रहे हैं।
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