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पति ने रसोई में काटी पत्नी की गर्दन, कोर्ट ने सुनाया आजीवन कारावास

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सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में पांच साल पहले रसोई में काम कर रही पत्नी की दांतले से गला काटकर हत्या करने के दोषी पति को एडीजे तीन ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पत्नी ने पति के खिलाफ दहेज प्रताडऩा का भी मामला दर्ज कराया था। दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज होने पर पति ने नाराज होकर हत्या की योजना बनाई थी। न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश संख्या 3 के न्यायाधीश यशवंत भारद्वाज ने पति प्रकाशचंद पुत्र भूदाराम माली निवासी ढाणी मालियान इंद्रपुरा कोछोर को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।
ये था मामलाएडवोकेट प्रभातीलाल ने बताया कि शारदा देवी की 2001 में प्रकाशचंद पुत्र भूदाराम माली निवासी ढाणी मालियान इंद्रपुरा कोछोर के साथ शादी हुई थी। पत्नी शारदा से प्रकाश आए दिन झगड़ा करता रहता था। उसका ससुर भूदाराम भी उससे मारपीट करता था। 12 फरवरी 2016 को पत्नी शारदा की दांतले से सिर व गर्दन पर वार कर हत्या कर दी। पुलिस से सूचना मिलने पर शारदा का पिता सुरेश कुमार व उसके पांच भाई घटनास्थल पर पहुंचे। शारदा के गले व हाथ-पैरों पर लगी हुई थी। मौके पर टूटी हुई चूडिय़ां पड़ी थी। शारदा की गर्दन धारदार हथियार से कटी हुई थी व शव खून से लथपथ हो रखा था। मौके पर ही धारदार हथियार पड़ा हुआ था। मृतका शारदा के भाई ने बताया कि मृतका व आरोपी के तीन बेटे-बेटी हैं। एक सेकंड ईयर व दूसरी 12वीं कक्षा व बेटा 11वीं कक्षा में पढ़ रहा है। तीनों ननिहाल में ही नाना-मामा के पास रहकर ही पढ़ाई कर रहे हैं।
पापा रोजाना मम्मी से मारपीट करते थेबेटी मनीषा ने कोर्ट में बयान दिए कि वे सभी घटना के दिन सुबह स्कूल चले गए थे। सुबह माता-पिता के बीच झगड़ा हो रहा था। तब मम्मी रसोई में खाना बना रही थी। पापा रोजाना मम्मी को मारपीट करते थे। शारदा देवी के दो बेटी व एक बेटा था। नाना लालचंद ही तीनों को स्कूल से घर पर लेकर आए थे। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए 17 गवाह पेश किए गए। शारदा का गला दांतले से रेत दिया था। वह स्कूल से आए तो उसका शव चौक में पड़ा हुआ था। पापा के शर्ट पर खून के छींटे लगे हुए थे। पिता ने मामा को चिल्ला कर कहा कि तेरी बहन को मैंने मार दिया है। अब जो करना है कर लेना। तब पुलिसवाले पापा को लेकर चले गए।
कोर्ट ने जांचधिकारी की लापरवाही मानीकोर्ट ने प्रकरण में जांच अधिकारी की लापरवाही भी मानी है। घटना 12 फरवरी 2016 की है, जबकि फर्द इत्तला के अनुसार दी गई सूचना 13 फरवरी 2016 की है। प्रकरण में जब्त का समय 14 फरवरी 2016 का है। घटना कारित होने में संदेह पैदा किया गया है। न्यायाधीश यशवंत भारद्वाज ने अनुसंधान अधिकारी को लचर बताते हुए कहा कि पुलिस अन्वेषण लचर प्रकृति व अस्थिर अनुसंधान को दर्शाता है। कई गवाह ने स्वीकार किया है कि धारदार हथियार घटनास्थल पर ही पड़ा था। जो दो दिन बाद जब्त हुआ। जांच अधिकारी चाहता तो दांतला से फिंगर प्रिंट आदि उठा सकता था। फिर भी पर्याप्त सबूत मौजूद हैं जो कि अभियुक्त की घटना में संलिप्तता को दर्शाता है।
2011 में हुआ था मारपीट का मामला दर्जआरोपी प्रकाशचंद ने 2011 में पत्नी से मारपीट की थी। उसका जबड़ा तोड़ दिया। विवाहिता ने मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट होने पर दोनों पक्षों के बीच समझाइश हुई। पति प्रकाश ने ससुर सुरेश कुमार से कहा कि वह शारदा के साथ मारपीट नहीं करेगा। तब दोनों पक्षों के बीच में समझौता हो गया। दोनों के बीच विवाद होने पर शारदा को वापस पीहर भेजने की बात हुई। शारदा के पिता ने समझौता होने पर उसे वापस ससुराल भेज दिया। प्रकाशचंद 15-16 माह के लिए विदेश काम करने के लिए चला गया था।

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