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हेड कांस्टेबल द्वारा पुलिस चौकी लाकर बलात्कार के केस में नया मोड़, मानवाधिकार आयोग ने भी मांगी रिपोर्ट

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सीकर. प्रेमी के साथ भागी युवती के साथ हेड कांस्टेबल द्वारा पुलिस चौकी में बलात्कार किए जाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। हैडकांस्टेबल के खिलाफ परिवाद देने के बाद युवती का अब पुलिस के सामने अलग बयान देने की बात सामने आई है। जिसके बाद एक बार फिर पुलिस ‘लेन देन’ व दबाव की नीति के आरोपों व संदेह से घिर गई है। फिलहाल पुलिस अब भी युवती को श्रीगंगानगर से लाते समय के रास्ते के सीसीटीवी फुटेज खंगालकर मामले को बारीकी से जांचने की बात कर रही है। इधर, मामले को मानवाधिकार आयोग ने भी गंभीरता से लिया है। आयोग ने सीकर पुलिस अधीक्षक से 15 सितंबर तक मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
ये मांगी आयोग ने रिपोर्टमानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने सीकर पुलिस अधीक्षक को आदेश जारी कर घटना की पूरी रिपोर्ट तलब की है। आदेश में कहा गया है कि यह मामला पुलिस की छवि पर प्रश्नवाचक चिह्न लगाता है। मामले की स्थिति, सिंगरावट चौकी में तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या, घटना के दौरान चौकी में कितने पुलिसकर्मी उपस्थित थे, किन लोगों ने राजीनामा करने के लिए पंचायत की, राजीनामा करने वालों के नाम की सूची भेजने संबंधी बिंदुवार रिपोर्ट भेजी जाए। आयोग ने यह भी पूछा है कि पुलिस अधीक्षक को इस घटना की सूचना कब और किसके माध्यम से मिली। आयोग ने पत्रावली 15 सितम्बर को पेश करने के आदेश दिए हैं।
पति को बचाने के लिए हेड कांस्टेबल पर आरोप हैडकांस्टेबल द्वारा बलात्कार किए जाने की संभावना को पुलिस अधीक्षक भी कम ही मान रहे हैं। पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि पुलिस को दिए बयानों में युवती ने अपने पति को बचाने के लिए हेड कांस्टेबल पर आरोप लगाने की बात कही है। महिला कांस्टेबल के सामने छेड़छाड़ और चौकी में बलात्कार जैसी वारदात की संभावना कम है। हैडकांस्टेबल गाड़ी में किस सीट पर बैठा था, यह पता करने के लिए रास्ते भर के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज एकत्र किए जा रहे हैं। थाने में हुई पंचायती की भी जांच करवाई जा रही है।
यह है पूरा मामलासीकर जिले की युवती 12 अगस्त को घर से लापता हो गई थी। इस पर परिजनों ने थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस जांच में पता चला कि युवती अपने प्रेमी के साथ श्रीगंगानगर जिले में चली गई है। सिंगरावट चौकी प्रभारी हेड कांस्टेबल सुभाष कुमार युवती और उसके प्रेमी को वापस लाने के लिए गया। आरोप है कि सुभाष ने प्रेमी को गाड़ी में आगे की सीट पर बैठा दिया और स्वयं पीछे युवती के पास बैठ गया। रास्ते में वह छेड़छाड़ करने लगा। युवती ने इसका विरोध किया तो गाड़ी में उसकी पिटाई कर दी। 29 अगस्त को तड़के करीब साढ़े चार बजे सभी लोग चौकी पहुंचे। आरोप था कि सुभाष ने प्रेमी को बाहर भेज दिया और स्वयं ने बयान लेने के बहाने युवती को अंदर रखा। चौकी पर ही बलात्कार किया और डरा धमकाकर युवक के साथ भेज दिया। युवती ने यह बात अपने प्रेमी और परिवार के नजदीकी लोगों को बताई। दूसरे दिन दोनों इसकी शिकायत करने धोद थाने पहुंचे तो वहां हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मियों ने मामले को ‘ले-देकर’ निपटाने के लिए पंचायती बैठाई। इस पर युवती के भाई और भाभी भी वहां आ गए। सूत्रों का कहना है थाने के पुलिस अधिकारियों ने युवती को मामला दर्ज नहीं करवाने के लिए राजी कर लिया, लेकिन यह राजीनामा प्रेमी को नागवार लगा। वह तीन सितम्बर को युवती के साथ एसपी के समक्ष पेश हुआ। यहां पर दिए गए परिवाद में चौकी प्रभारी हैडकांस्टेबल सुभाष कुमार पर छेड़छाड़ और चौकी में बलात्कार का आरोप लगाया। एसपी ने जांच के लिए परिवाद पुलिस उप अधीक्षक ग्रामीण राजेश आर्य को सौंप दिया। लेकिन, परिवार देने के चंद घंटों बाद ही युवती के मुकर जाने की बात सामने आई है।

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