Aajkal Rajasthan Newsजयपुर.
हाईकोर्ट ने बिना पार्षद निर्वाचित हुए बिना मेयर-सभापति या पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ने के संबंध में मुख्य सचिव व एसीएस स्वायत्त शासन से 11 नवंबर तक जवाब मांगा है। जस्टिस एम रफीक व एनएस ढड्ढा की खंडपीठ ने बुधवार को बयाना निवासी अधिवक्ता मोहन शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि बिना पार्षद निर्वाचित हुए कैसे मेयर-सभापति का चुनाव लड़ा जा सकता है?
सरकार का बिना पार्षद के मेयर/सभापति वाला संशोधन नगर पालिका अधिनियम व संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन
अधिवक्ता डीसी गुप्ता ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 6 व संविधान के आर्टिकल 243-आर के तहत नगर पालिका का गठन इसके निर्वाचित वार्ड प्रतिनिधियों से ही होगा। लेकिन 16 अक्टूबर 2019 को सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया कि बाहरी व्यक्ति भी पार्षद का चुनाव जीते बिना निकाय अध्यक्ष निर्वाचित हो सकेगा। सरकार का यह संशोधन नगर पालिका अधिनियम व संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसलिए इसे रद्द किया जाए। बता दें कि प्रदेश की 196 निकायों में पहले चरण के तहत 49 निकायों में चुनाव नामांकन पूरे हो चुके हैं।
High Court asked – how can the Mayor-Chairman be made without a councilor