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तूफान व बरसात से मकान ढहा- पेड़ गिरे, आज 14 जिलों में अलर्ट

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सीकर. तौकते की विदाई के दो दिन बाद शुक्रवार देर रात शेखावाटी के सीकर व झुंझुनूूं जिले में अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। शुक्रवार रात 20 मिनट तक तूफानी हवाओं का कहर रहा। इससे अंचल में कई जगह बिजली पोल व पेड़ गिर गए और टीनशैड उड़ गए। कुछ देर बाद ही सीकर व झुंझुनूं में बारिश का दौर शुरू हो गया। बारिश से जिला मुख्यालय के साथ कई कस्बों में ब्लैक आऊट हो गया। लगभग 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आए तूफान से कई पेड़ धराशायी हो गए। जिला मुख्यालय पर देर रात तक बारिश का दौर जारी रहा। तूफानी हवाओं का असर पलसाना, रानोली व रींगस सहित अन्य कस्बों में भी देखने को मिला। तूफान की आहट के साथ ही बिजली निगम व प्रशासनिक टीम अलर्ट हो गई। सांवली कोविड सेंटर में भी बिजली निगम ने अलग से टीम तैनात की। देर रात तक कई क्षेत्रों में बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो सकी। हालांकि दिनभर गर्मी और उमस के बाद देर रात हुई बारिश से मौसम सुहावना हो गया। एक्सपर्ट का कहना है कि बार बार—बार आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। प्रदेश में शनिवार को भी 14 जिलों में आंधी व बरसात देखने को मिल सकती है।
झुंझुनूं: खेतड़ी में गिरा मकान, कई पेड भी धराशायी
झुंझुनूं जिले में भी शुक्रवार रात 11 बजे अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। करीब 20 मिनट तक आए तूफान के कारण अनेक जगह पेड़ उखड़ गए। खेतड़ी के पास नानू वाली बावड़ी में गांव में तेज अंधड़ के कारण एक मकान गिर गया। हालांकि जान का कोई नुकसान नहीं हुआ। यहां देर रात तक बारिश का दौर जारी रहा।
आज 14 जिलों में आंधी का अलर्टइधर, मौसम विभाग जयपुर के अनुसार पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होने से प्रदेश में आंधी व बरसात हो रही है। जिसका दौर 23 मई तक जारी रहेगा। शनिवार को प्रदेश के 14 जिलों में इसका असर रहेगा। जिनमें गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, अलवर, भरतपुर, जयपुर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और जालौर जिलों में मेघ गर्जन के साथ 40 से 50 किमी प्रतिघंटे रफ्तार से धूल भरी आंधी व हल्की बरसात होने की संभावना है।
2004 के बाद ऐसा मौका जब गिरा मई में पारामौसम विभाग के अनुसार मई माह के दूसरे पखवाड़े में आमतौर पर शेखावाटी में अधिकतम तापमान 42 से 45 डिग्री तक पहुंच जाता है लेकिन इस बार मई महीने में ऐसा नहीं हुआ। इस बार पश्चिमी विक्षोभ बहुत ही कम समय के अंतराल में बने और इसके असर से पूर्वी हवाएं चली और प्रदेश में कई जगह अंधड, बारिश और ओले गिरने के कारण के कारण गर्मी अपना रंग नहीं दिखा पाई। यही कारण है कि मई के 21 दिन के दौरान एक बार भी अधिकतम तापमान 42 डिग्री नहीं पहुंच पाया। कृषि अनुसंधान केन्द्र पर 2004 को न्यूनतम तापमान 26.9 डिग्री और अधिकतम तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया था।

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