सीकर. होली का तीन दिवसीय पर्व सोमवार से शुरू होगा। आस्था की होली सोमवार को जलाई जाएगी, तो रंगों की होली मंगलवार को होगी। भाई दूज बुधवार को मनाई जाएगी। खास बात होलिका दहन में इस बार भद्रा की बाधा नहीं होना है। पंडित दिनेश मिश्रा के अनुसार सोमवार को पूर्णिमा तिथि अद्र्धरात्रि में 11.17 बजे तक रहेगी। जिसमें भद्रा दिन में 1 बजकर 10 मिनट तक ही होने से शाम को प्रदोषकाल में होलिका दहन करना श्रेष्ठ रहेगा। 499 साल बाद बन रहा गजकेसरी योग भी होली को विशेष फलदायी बना रहा है। होलिका दहन गोधूली बेला में 6.28 से 6.43 तक रहेगा। बुच्याणी में राजकीय होलीसांस्कृतिक मंडल की राजकीय होलीका दहन सोमवार को शाम 6.20 पर होगा। मंडल मंत्री जगदीश चौकड़ीका ने बताया कि शाम 5.30 बजे रघुनाथजी के मंदिर से पूजन दल रवाना होकर ब्यूचाणी स्थित होलिका दहन स्थल पहुंचेगा। जहां शास्त्र विधि से होली जलाई जाएगी। इधर, जलदाय विभाग की ओर से मंगलवार को शहर में सुबह और दोपहर को पेयजल सप्लाई होगी।सुख समृद्धि देगी होलीज्योतिषविदों के मुताबिक होली पर इस बाद गजकेसरी योग बन रहा है। होली के दिन देव गुरु और शनि ग्रह स्व राशि में रहेंगे। देव गुरु धनु राशि व शनि मकर राशि में होंगे। पंडित दिनेश मिश्रा के अनुसार ऐसा संयोग करीब 499 साल पहले 3 मार्च 1521 में हुआ था। इस योग से रोग शोक, और शोक का नाश होगा। इसके अलावा ध्वज योग जातक का यश बढ़ाएगा।
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