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रडार से 18 किमी दूर तक नजर, दौड़ते टैंक को उड़ाने में सक्षम गन

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बीकानेर. भारतीय सेना की ओर से डूंगर कॉलेज मैदान में मंगलवार को सैन्य हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। युवाओं, स्कूली बच्चों और आम लोगों ने हथियारों को देखा और राइफल, गन, मोर्टार को तानकर सैनिक से साहस का अनुभव किया। प्रदर्शनी में 18 किलोमीटर दूर उड़ते परिंदे को भी ट्रेक कर लेने वाले रडार से रूबरू होने का मौका मिला। वहीं 27 किलोमीटर दूर दौड़ते टैंक पर निशाना साधकर उसे उड़ाने में सक्षम 130 एमएम गन के बारे में भी जाना। सेना के टैंकों पर चढ़कर फोटा खिंचवाने का भी क्रेज सिर चढ़कर बोला।
 
सैन्य प्रदर्शनी और बैंड प्रदर्शन कार्यक्रम की शुरुआत रणबांकुरा डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल जेएस नंदा ने की। उन्होंने देश के स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया। देश की अखण्डता को बनाए रखने के लिए भारतीय सेना के योगदान के बारे में बताया। साथ ही युवाओं को सेना में भर्ती होकर सेना को और शक्तिशाली बनाने का आह्वान किया। इसके बाद राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट्स ने घुड़सवारी का साहसिक प्रदर्शन कर दर्शकों को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया। सैन्य हथियारों को देखने बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी भी पहुंचे।
 हथियार सेना की ताकत माइंस और बारूदी सुरंग : प्रदर्शनी में सेना की ओर से युद्ध के समय बिछाई जाने वाली माइंस के बारे में जानकारी दी गई। तार से बांधने वाली माइंस पर डेढ़ किलो वजन का खिंचाव आते ही फट जाती है। वहीं जमीन में दबाने वाली माइंस पर १३५ किलो वजन पड़ते ही फट जाती है। इसका उपयोग दुश्मन के टैंकों को उड़ाने के लिए किया जाता है।
८१ एमएम मोर्टार : सैनिक के लिए कंधे पर ले जाने वाली ४० किलो वजन की इस गन के गोले का वजन ४ किलो होता है। यह ५२०० मीटर तक दुश्मन को नेस्तनाबूद कर सकती है।
एंटी मैटेरियल राइफल: करीब १८०० मीटर तक मार करने में सक्षम इस राइफल का उपयोग दुश्मन के बंकर या गाड़ी को उड़ाने के लिए किया जाता है।
नाइट विजन टेलीस्कॉप : इसका उपयोग मशीनगन पर रात को निशाना लगाने के लिए किया जाता है। साथ ही नाइट विजन एेसी दूरबीन भी प्रदर्शित की गई, जिससे रात के अंधेरे में साफ दिखता है। दोपहर में मृग मरीचिका को चीरने में सक्षम है।
ऑटोमेटिक ग्रेनेड सिस्टम : ७ मीटर रेडिएशन में मार करने वाले ग्रेनेड सिस्टम का वजन १६.५ किलो है। इसे १९६२ में सेना में शामिल किया गया।
८४ एमएम रॉकेट लॉन्चर : दुश्मन के टैंक को बर्बाद करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। ५०० से १००० मीटर तक फायर करने में सक्षम है। २१०० मीटर तक रात को रोशनी करने के लिए भी इसका फायर किया जाता है।
५.५६ एमएम एलएमजी : भारत निर्मित यह इंसास राइफल महज ६.२३ किलो की है। सैकड़ों की भीड़ में आ रहे दुश्मन को इसके बलबूते अकेला सैनिक रोक सकता है। राइफल से एक मिनट में ६०० राउंड फायर होते हैं।

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