सीकर/फतेहपुर. गांव-ढाणियों में कोरना लगातार कहर बरपा रहा है। लेकिन सरकारी सिस्टम पर अभी भी लापरवाही का ताला लटका हुआ है। एक तरफ सरकार की ओर से ग्रामीण स्वास्थ्य सिस्टम को मजबूत करने की बात कही जा रही है। दूसरी तरफ वहां के जिम्मेदार खुद लापरवाही बरत रहे है। पत्रिका टीम ने मंगलवार को फतेहपुर इलाके स्वास्थ्य केन्द्रों के हाल देखे तो स्वास्थ्य भवनों पर ताले लटके हुए मिले। जिन केन्द्रों को खोलने का समय सुबह आठ बजे था उन केन्द्रों पर पौने नौ बजे तक ताले लटके हुए थे। साढ़े आठ बजे तक तो पीएचसी पर स्टाफ ही नहीं आया था। जानकारी के अनुसार प्रदेश में गर्मियों के मौसम में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व उपस्वास्थ्य केन्द्र खोलने का समय सुबह आठ बजे का निर्धारित है।
बलोद छोटी: सुबह 8.25 बजेबलोद छोटी में आंगनबाड़ी केन्द्र में ही उपस्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। वहां पर ताला लगा हुआ था। जब आस पड़ौस के घरों में पूछा तो पता चला कि एएनएम कभी कभार आती है। इलाके में चिकित्सा विभाग की सुविधाओं को लेकर काफी आक्रोश है।
उदनसर: सुबह 8.30 बजे
गांव में मुख्य रोड़ पर बने उपस्वास्थ्य केन्द्र के ताले लगे हुए थे। कई लोग केन्द्र पर पहुंचे लेकिन स्टाफ नहीं होने की वजह से से पूछताछ कर लौट गए।
गोरास: सुबह 8.30 बजेपत्रिका टीम पहले जालेउ व देवास पहुंची। इन देानों गांवों में केन्द्र खुले थे। इसके बाद टीम गोरास पहुंची। यहां पर साढ़े आठ बजे भी उपस्वास्थ्य केन्द्र पर ताले लटके हुए थे। इसके बाद टीम 8.36 मिनट पर दाडूंदा में बने उप स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंची। यहां पर भी ताले लगे हुए थे।
और इन केन्द्रों पर यह हालात
नारसरा: 8.30 बजेनारसरा गांव में बने उपस्वास्थ्य केन्द्र पर साढ़े आठ बजे भी ताले लटके हुए थे। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जिम्मेदारों को बताया लेकिन सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हुआ।
बाठोद: यहां पर बने आयुर्वेद उपस्वास्थ्य केन्द्र पर 8.18 बजे देखा तो ताले लगे हुए थे।
शेखीसर: शेखीसर गांव में बने उपस्वास्थय केन्द्र पर 8.15 बजे ताला लगा हुआ था।
हुडेरा: 8.30 बजे तक यहां पर भी ताला लगा हुआ था।बारी: 8.45 बजे तक यहां के उपस्वास्थ्य केन्द्र पर ताले लगे हुए थे।
ताजसर: चिकित्सक की ड्यूटी वैक्सीनेशन में, स्टाफ का पता नहीं
पत्रिका टीम सुबह आठ बजे ताजसर पहुंची। इस दौरान मुख्य रोड़ पर बनी पीएचसी के ताला लगा हुआ था। वहां पर मौजूद एक महिला से खुलने का समय पूछा तो उसने कहा पता नही। इसके बाद एक लड़का आया व पीछे से चाबी लाकर गेट खोलकर अंदर चला गया। जानकारी में पता लगा कि चिकित्सक की ड्यूटी वैक्सीनेशन में है इसलिए वह नहीं आए। 8.37 मिनट पर वापस चैक किया तब वहां पर ना दवा केन्द्र खुला था कोई स्टाफ नजर नहीं आया।
और यह बोले जिम्मेदार:कई केन्द्रों पर पौने नौ बजे तक ताले लटके होने की सूचना मिली थी। संबंधित कार्मिकों को नोटिस जारी कर कारण जाना जाएगा। यदि कारण सही नहीं निकला तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सभी प्रभारियों को समय पर स्वास्थ्य केन्द्र खोलने के लिए पाबंद किया जाएगा।
डॉ. दिलिप सिंह, बीसीएमएचओ, फतेहपुर
ग्राउंड रिपोर्ट: गांवों में कोरोना का कहर, स्वास्थ्य केन्द्रों पर लापरवाही का ताला
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