सीकर. सरकारी स्कूल अब ग्रामीणों की मांग पर अंग्रेजी माध्यम में संचालित हो सकेंगे। इसके लिए विद्यालय विकास समिति को प्रस्ताव तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजना होगा। पात्र समझे जाने पर स्कूल का माध्यम बदल दिया जाएगा। शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को एसके स्कूल स्थित विद्यार्थी सेवा एवं संग्रहण केंद्र के शिलान्यास कार्यक्रम में ये बात कही। उन्होंने कहा कि स्कूल विकास समिति इसी साल से यह प्रस्ताव भेज सकती है। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में नए महात्मा गांधी स्कूल खोलने तथा उनमें खेल सुविधाओं के विस्तार के लिए जिला स्तर पर पांच तथा ब्लॉक स्तरीय स्कूल के लिए ढाई लाख रुपए जारी करने की बात भी कही।
कोरेाना से शिक्षक की मौत पर तीन लाख रुपएकोरोना से मौत पर शिक्षकों के परिजनों को मिलने वाली हितकारी निधी भी शिक्षा मंत्री डोटासरा ने बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि किसी शिक्षक की कोरोना में ड्यूटी के दौरान मौत हुई है तो राज्य सरकार से परिवार को 50 लाख रुपए दिए जा रहे हैं। लेकिन, ड्यूटी दिए बिना भी यदि किसी शिक्षक की कोरोना से मौत हुई है तो उनके परिजनों को हितकारी निधी के अब डेढ की बजाय तीन लाख रुपए की राशि दी जाएगी।
बोर्ड के काम के लिए नहीं जाना होगा अजमेरडोटासरा ने विद्यार्थी सेवा एवं संग्रहण केंद्र की उपयोगिता भी बताई। उन्होंने कहा कि 50 लाख की लागत से बनने वाले केंद्र की शुरुआत के बाद विद्यार्थियों को अंकतालिका व माइग्रेशन प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्यों के लिए अजमेर नहीं जाना होगा। उत्तर पुस्तिकाओं का संग्रहण भी केंद्र में हो सकेगा।
10 करोड़ की लागत से बनेगा ऑडिटोरियमशिलान्यास समारोह में शिक्षा मंत्री ने सीकर डाइट में 10 करोड़ की लागत से ऑडिटोरियम बनाने की घोषणा भी की। साथ ही एसके स्कूल में भी खेल विकास के लिए 50 लाख रुपए का बजट जारी करने की बात कही।
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