केंद्र सरकार शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में जुटी हुई है. इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाने वालों में ब्रिटेन की कंपनी भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार की पूरी हिस्सेदारी खरीदने को लेकर लंदन के फोरसाइट ग्रुप समेत कई बोलीदाताओं ने शुरुआती बोलियां लगायी हैं.
सूत्रों के अनुसार फोरसाइट ग्रुप ने बेल्जियम के एक्समार एनवी और दुबई के जीएमएस के साथ मिलकर बोली लगायी है. हालांकि, एस्सार ग्रुप और अडानी समूह ने शिपिंग कॉरपोरेशन के निजीकरण के लिये बोली नहीं लगायी है. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिपिंग कॉरपोरेशन और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. में रणनीतिक विनिवेश के लिये सैद्धांतिक मंजूरी दी थी.
हालांकि, महामारी के कारण योजना को टाल दिया गया था. सरकार शिपिंग कॉरपोरेशन में प्रबंधन नियंत्रण सौंपने के साथ अपनी पूरी 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है. बोली जमा करने की अंतिम तिथि 13 फरवरी थी, जिसे बढ़ाकर एक मार्च कर दिया गया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट भाषण में कहा था, वित्त वर्ष 2021-22 में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL), एयर इंडिया (Air India), शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल लि. समेत अन्य कंपनियों के सौदे पूरे किये जाएंगे.
इस बीच, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) ने असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी से बाहर निकलने की घोषणा की है. बीपीसीएल ने कहा कि वह नुमालीगढ़ रिफाइनरी में अपनी समूची हिस्सेदारी ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल) तथा इंजीनियर्स इंडिया लि. (ईआईएल) के गठजोड़ को 9,876 करोड़ रुपये में बेचेगी. आपको बता दें कि सरकार बीपीसीएल के निजीकरण की तैयारी कर रही है. नुमालीगढ़ रिफाइनरी लि. की बिक्री से देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा.
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