सीकर. शेखावाटीवासियों की पर्यटन की उम्मीदों पर सरकारी लापरवाही का ब्रेक लग गया है। पिछली सरकार के समय हुए रिसर्जेट राजस्थान में शेखावाटी में पर्यटन के हिसाब से लगभग ६०० करोड़ के एमओयू हुए थे। लेकिन लगभग सवा दो साल के बाद भी एक भी निवेशकर्ता का प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं आ सका। इस कारण पर्यटन व्यवसाय में बढ़ोतरी की आस टूटती जा रही है। सीकर में फतेहपुर, रामगढ़-शेखावाटी, लक्ष्मणगढ़, मंडावा, सालासर व शाकम्भरी सहित अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए सहमति दी थी। यदि यहां बडे़ औद्योगिक घरानों की ओर से निवेश किया जाता तो पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय लोगों के रोजगार का सपना पूरा होता।
होटल के थे ज्यादातर प्रस्ताव
शेखावाटी में सबसे ज्यादा होटल समूह की कंपनियों ने प्रस्ताव रखे थे। इसके अलावा सीमेंट फैक्ट्री सहित अन्य प्रस्ताव भी आए थे। सूत्रों की माने तो प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। अब सरकार नए सिरे से इस योजना को आगे बढ़ाने की तैयारी में है।
नीतियों में उलझी उम्मीद
ज्यादातर कंपनियों के प्रस्ताव भूमि रूपान्तरण व भूमि आवंटन के पेंच में उलझे हुए है। कई कंपनियों ने पिछले दिनों सरकार को भेजी रिपोर्ट में बताया कि रास्ते, बिजली, पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने का रकार ने वादा किया था। लेकिन एमआेयू के हिसाब से काम नहीं होने से प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पा रहे है।
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