Aajkal Rajasthan/अजमेर.कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद शुक्रवार काे अजमेर दरगाह पहुंचे। दरगाह जियारत के बाद उन्हाेंने मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार काे महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्लाह सहित कश्मीर के सभी नेताओं काे तुरंत रिहा करना चाहिए।
उन्हाेंने कहा कि हिंदुस्तान में पहली दफा तीन मुख्यमंत्रियाें और हजाराें लाेगाें काे बिना किसी जुर्म के कैद किया गया है।जब गुलाम नबी आजाद से पूछा किया किसी खास तमन्ना से जियारत के लिए आए ताे उन्हाेंने कहा कि तमन्ना यही है कि हमारे मुल्क में शांति हाे, अमन हाे। सब हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई मोहब्बत से रहे। सभी के दिलाें में मुहब्बत हाे। 130 करोड़ लोगों की भी ये ही तमन्ना।
उन्हाेंने दुआ मांगते हुए कहा कि अल्लाह ताला सभी के दिलाें से नफरत काे दूर करें। जाे आज नफरत का माहाैल है इस नफरत से अल्लाह हमें निजात दे। हमें एक दूसरे के करीब लाए।
उन्होंने कहा कि इस मुल्क से बेराेजगारी, बेकारी खत्म हाे। एनआरसी पर उन्हाेंने कहा कि इस पर काेई सियासी बयान नदेते हुए यही कहूंगा कि मुल्क से नफरत का माहाैल खत्म हाेग, महंगाई खत्म हाे, खुशहाली हाे।
दिल्ली चुनाव से संबंधित सवाल पर आजाद ने कहा कि इस पर सिर्फ यही कहूंगा कि दिल्ली में बीजेपी नहीं आएगी।जल्द करें कश्मीर में नेताओ काे रिहासर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए उन्हाेंने कहा कि परसाे ही राज्यसभा में बयान दिया था कि हिंदुस्तान की राजनीति में पहली दफा हाे रहा कि तीन पूर्व मुख्यमंत्री और हजाराें लाेग बगैर किसी जुर्म के कैद किए गए है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है। छह माह से ज्यादा हाे गए हैं। तीन-तीन मुख्यमंत्री बगैर किसी जुर्म के कैद कर के रखे गए हैं। यह लाेकतंत्र की हत्या है। लाेकतंत्र में कभी ऐसा नहीं हाेता है।
उन्हाेंन कहा कि पीएसए लगाकर नेताओं काे जेल में डाल दिया गया। उनका कहना था कि फारुख अब्दुल्लाह सहित अन्य कई नेताओं काे ताे धारा 307 लगने के दाे दिन पहले ही जेल में डाल दिया गया था। जबकि उन्हें कुछ पता ही नहीं था। यह ताे लाेकतंत्र के खिलाफ है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर में तुरंत इन नेताओं काे छाेड़ना चाहिए। जाे यूटी है उसे ताेड़कर दाेबारा से स्टेट बनाना चाहिए।
अजमेर दरगाह पहुंचे गुलाम नवी आजाद।