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गहलोत सरकार को ये ‘शातिर’ टीचर लगा चुका 38 करोड़ का फटका, ‘वसूली’ में छूट रहे पसीने

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जयपुर/हनुमानगढ़।
राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले के बीइइओ कार्यालय मेें हुए 38 करोड़ का घोटाले का मामला गर्माया हुआ है। शनिवार को ये मामला तब और ज़्यादा गरमा गया जब शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा हनुमानगढ़ पहुंचे। यहां कलेक्ट्रेट में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेने से पहले डोटासरा ने सर्किट हाउस में लोगों से मुलाक़ात की।
लोगों से मुलाक़ात के दौरान ही कुछ शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल भी डोटासरा से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल ने श्रीगंगानगर में बीइइओ कार्यालय मेें हुए 38 करोड़ के घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। इस सन्दर्भ में उन्होंने मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। लेकिन उसके बाद वो हुआ जिसकी प्रतिनिधिमंडल और वहां मौजूद लोगों को उम्मीद नहीं थी।
भड़क गए मंत्री शिक्षकों ने जब घोटाले के सम्बन्ध में ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की, तभी डोटासरा अचानक से नाराज हो गए। उन्होंने शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि चोरों का पक्ष लेना ठीक नहीं है। मैं इस मामले की जांच करवा रहा हूं।
ज्ञापन देने आए शिक्षकों को मंत्री ने फटकारते हुए कहा कि इस मामले में मुझे पट्टी पढ़ाने आए हो, बाड़मेर राजस्थान में ही है, सस्पेंड कर दूंगा। मंत्री के तेवर देखकर ज्ञापन देने आने वाले शिक्षकों ने मौके पर माफी मांगकर पीछा छुड़ाया।
… इधर, मुख्य आरोपी पीटीआई को भेजा जेलश्रीगंगानगर में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुए 38 करोड़ रुपए के गबन मामले में मुख्य आरोपी पीटीआई के 13 दिन तक पुलिस रिमांड पर चलने के बाद जांच टीम उससे 38 रुपए की भी बरामदगी नहीं कर पाई। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को मुख्य आरोपी पीटीआई, उसके भाई, भतीजे व उसके परिचित मां-बेटे को अदालत में पेश किया, जहां से मुख्य आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है तथा चाचा-भतीजा व मां-बेटे को रिमांड पर लिया गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
आरोपी शिक्षक ने किया सरेंडर
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की ओर से पुरानी आबादी थाने में 35 करोड़ के गबन का मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें बताया गया कि डेपूटेशन पर लगे पीटीआई ओमप्रकाश शर्मा ने पिछले साढ़े चार साल में सेवानिवृत अध्यापकों की पीएल राशि अपने व अपने रिश्तेदारों, परिचितों के खातों में डलवा ली। मामला दर्ज होने के बाद 4 अगस्त को मुख्य आरोपी पीटीआई ओमप्रकाश शर्मा ने अदालत में सरेंडर कर दिया था। जहां से पुलिस ने उसके रिमांड पर लिया।
नहीं हो पा रही बरामदगी
पुलिस की ओर से तीन बार आरोपी को रिमांड पर लिया गया। जिसको तेरह दिन के रिमांड के बाद शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। इन तेरह दिन में पुलिस की जांच टीम पीटीआई से 38 करोड़ के गबन में से 38 रुपए भी बरामद नहीं कर पाई। पुलिस की ओर से आरोपी दो कारें बरामद की थी।
 
रिश्तेदार भी गिरफ्त में
इस मामले में आरोपी के भाई मनोज कुमार शर्मा, भतीजा दुष्यंत तथा शुक्रवार को गिरफ्तार हुए परिचित सजनादेवी व उसके पुत्र राजशिव योगी को गिरफ्तार किया गया था। इनसे सात लाख रुपए की नकदी, जेवर, संपति, वाहनों के कागजात बरामद किए गए थे। इन चारों को भी शनिवार को मुख्य आरोपी के साथ ही अदालत में पेश किया गया था, जहां इन चारों को पुलिस ने 19 अगस्त के लिए रिमांड पर लिया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस मामले में अन्य खाता धारकों की भी तलाश की जा रही है।
500 बैंक खातों में जमा हुई 38 करोड़ की राशिपुलिस की जांच में सामने आया है कि पीटीआई की ओर से साढ़े चार साल में गबन की गई 38 करोड़ रुपए की राशि अपने परिवार के सदस्यों, परिचितों सहित सट्टा करने वालों के करीब 500 बैंक खातों में जमा कराई गई थी। यह 500 बैंक खाते आरोपी पीटीआई के 213 परिचितों, रिश्तेदारों व परिवार के सदस्यों के नाम पर ही हैं। पुलिस ने इन खातों को सीज करवा दिया है। इस मामले में पुलिस की पांच टीमें जांच कर रही है।

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