उत्तर प्रदेश के लखीमपुरी खीरी (Lakhimpur Kheri) से जमकर बवाल और हिंसा की खबर आई है. किसानों ने रविवार, 3 अक्टूबर को दावा किया कि लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचलने से 5 किसानों की कथित तौर पर मौत हो गई है जबकि कई अन्य घायल हैं.
हिंसा के बाद इलाके में तनाव बढ़ गया है, यूपी पुलिस के एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं. रविवार को उत्तर-प्रदेश के लखीमपुर-खीरी में सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का कार्यक्रम था. लखीमपुर-खीरी में केशव प्रसाद मौर्य को कुछ परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करना था.
इस कार्यक्रम के बाद मौर्य को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बीजेपी नेता अजय कुमार मिश्र के पैतृक गांव बनबीरपुर रवाना होना था. इसकी खबर मिलने पर रविवार, 3 अक्टूबर को हजारों किसानों तिकुनियां पहुंच गए और वहां के महाराजा अग्रसेन ग्राउंड में बने हेलिपैड स्थल पर कब्जा जमा लिया. इसी हेलिपैड पर डिप्टी सीएम का हेलिकॉप्टर उतरना था और वो वहां से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के गांव की ओर कूच करते.
लेकिन किसानों के बढ़ते विरोध-प्रदर्शन की खबर पर रविवार की सुबह डिप्टी सीएम ने अपना कार्यक्रम बदल लिया और सुबह साढ़े नौ बजे लखनऊ से बाई रोड दोपहर 12 बजे लखीमपुर पहुंचे. खबर है कि लखीमपुर खीरी में गांव के दौरे को देखते हुए डिप्टी सीएम को रिसीव करने आ रहे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्रा की आंदोलनरत किसानों के साथ भिड़ंत हो गई.
संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप है कि इसी दौरान आशीष मिश्रा की गाड़ी से कुचलने से दो किसानों की मौत हो गई है.घटना के बाद मौके पर मौजूद दर्जनों किसानों ने कुचलने वाली दोनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. सूत्रों के अनुसार घटना में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक लोग घायल हैं.
उत्तर प्रदेश के कई इलाक़ों में लखीमपुर खीरी की घटना के ख़िलाफ़ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. पीलीभीत में किसान संगठनों और पुलिस के बीच झड़प हो गई है. लखनऊ में भी किसान सड़कों पर उतर आए हैं. इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर किसानों ने प्रदर्शन किया है. शामली में सैकड़ों किसान सड़क पर लेट गए हैं. पश्चिमी यूपी में हालात संवेदनशील हो गई है.
बता दें कि बीते साल संसद से पारित तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ देश के अलग-अलग जगहों पर किसानों ने आन्दोलन किए हैं. सबसे मुखर आन्दोलन पंजाब और हरियाणा में हुए हैं. हरियाणा में कई जगहों पर किसान महापंचायत हुए, जिनमें हज़ारों की तादाद में किसानों ने शिरकत की.
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने लिखा है, कृषि कानूनों का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे किसानों को भाजपा सरकार के गृह राज्यमंत्री के पुत्र द्वारा, गाड़ी से रौंदना घोर अमानवीय और क्रूर कृत्य है. यूपी दंभी भाजपाइयों का ज़ुल्म अब और नहीं सहेगा. यही हाल रहा तो यूपी में भाजपाई न गाड़ी से चल पाएंगे, न उतर पाएंगे.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका. ये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है. किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी.
The post मौत से आगजनी तक…लखीमपुर खीरी में क्या हुआ? appeared first on THOUGHT OF NATION.
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