- Advertisement -
HomeRajasthan NewsSikar newsराजस्थान के चार लाख शिक्षकों को सरकारी राहत का इंतजार, इस सप्ताह...

राजस्थान के चार लाख शिक्षकों को सरकारी राहत का इंतजार, इस सप्ताह होगा फैसला

- Advertisement -

सीकर. प्रदेश के चार लाख से अधिक शिक्षकों को सरकारी राहत का इंतजार है। दरअसल, प्रदेश में शिक्षा विभाग की ओर से हर साल एक अक्टूबर से शीतकालीन कैलेंडर लागू हो जाता है। इसके हिसाब से सरकारी व निजी स्कूलों का समय भी बदल जाता है। इस साल कोरोना की वजह से सरकारी स्कूलों में बच्चे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की ओर से समय यथावत रखने की मांग उठने लगी है। फिलहाल राजकीय विद्यालय सुबह साढ़े सात से एक बजे तक संचालित है। स्टाफ की ओर से इस अवधि में पुराने रेकार्ड को अपडेट करना, ऑनलाइन कक्षाओं की मॉनिटरिंग व नामांकन अभियान सहित 14 कार्य किए जाते हैं। इधर, शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने विभाग के अधिकारियों को समीक्षा के निर्देश दिए है। इसी सप्ताह मामले में कोई निर्णय होने की उम्मीद है।
 
सार्वजनिक परिवहन कम, इसलिए नहीं बदले समय
शिक्षकों का तर्क है कि कोरोना संक्रमण की वजह से प्रदेशभर में सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था काफी कम है। ऐसे में शिक्षकों ने सुबह की पारी के हिसाब से अपने स्तर पर निजी साधनों की व्यवस्था कर रखी है। ऐसे में समय बदलने से काफी चुनौती बढ़ेगी।
फिलहाल यथावत रखा जाए समयफिलहाल सरकारी स्कूलों का समय यथावत रखना चाहिए। विद्यार्थियों के नहीं आने के कारण शिक्षक अपना काम सुबह की पारी में आसानी से कर रहे हैं। सरकार को प्रवेश अभियान की तिथि भी आगे बढ़ानी चाहिए।मोहन सिहाग, प्रदेश अध्यक्ष,राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ
सरकार के निर्णय का इंतजार
शिक्षा विभाग के चार लाख से अधिक कर्मचारियों को शिक्षामंत्री के फैसले का इंतजार है। विद्यार्थियों के नहीं आने की वजह से समय यथावत रखा जा सकता है।उपेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, शिक्षक संघ शेखावत
जल्द समीक्षा के बाद करेंगे निर्णय: शिक्षामंत्री
स्कूलों के समय परिवर्तन को लेकर समीक्षा की जा रही है। प्रदेश के शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के हित में ही जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री

- Advertisement -
- Advertisement -
Stay Connected
16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe
Must Read
- Advertisement -
Related News
- Advertisement -