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इतिहास में पहली बार WTI Crude Futures Price लुढ़की शून्‍य से 37.63 डॉलर नीचे

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Aajkal Rajasthan/नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। 21 अप्रैल /कोरोना के कारण दुनियाभर में लॉकडाउन के कारण परिवहन व्‍यवस्‍था थम सी गई है। ऐसे में ईंधन की मांग में जबरदस्‍त की आई है। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका में मई डिलीवरी वाले वेस्‍ट टेक्‍सास क्रूड इंटरमीडिएट (WTI Futures) ऑयल फ्यूचर्स की प्रति बैरल कीमत शून्‍य से 37.63 डॉलर नीचे चली गई। इसका मतलब हुआ कि अगर आप इस कॉन्‍ट्रैक्‍ट की डिलीवरी लेते हैं तो आपको एक बैरल WTI Crude के साथ ही 37.63 डॉलर भी मिलेंगे।

अब शून्‍य से ऊपर कारोबार कर रहा WTI Crude Futures

मई डिलीवरी वाले WTI Futures की प्रति बैरल कीमत शून्‍य से 37.63 डॉलर नीचे पर बंद हुई थी। हालांकि, मंगलवार की सुबह यह 0.56 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करता नजर आया। मई का WTI कॉन्‍ट्रैक्‍ट मंलवार को समाप्‍त हो रहा है और जून डिलीवरी वाले कॉन्‍ट्रैक्‍ट का कारोबार काफी सक्रिय तौर पर किया जा रहा है। जून डिलीवरी वाले WTI Futures की कीमत 21 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रही थी।  

क्रूड ऑयल के भंडारण की जगह नहीं

ब्‍लूमबर्ग के अनुसार, कोरोना वायरस के कारण अर्थव्‍यवस्‍था का पहिया लगभग थम जाने के कारण अमेरिकी एनर्जी कंपनियों के पास क्रूड ऑयल के भंडारण के लिए जगह ही नहीं बची है। अब जब क्रूड ऑयल रखने की जगह ही नहीं है तो कोई भी व्‍यक्ति क्रूड कॉन्‍ट्रैक्‍ट की डिलीवरी नहीं लेना चाहता। आपको बता दें कि WTI Crude Futures के मई डिलीवरी का कॉन्‍ट्रैक्‍ट जो  मंगलवार को समाप्‍त हो रहा है, उसकी कीमत शून्‍य से 37.63 डॉलर नीचे लुढ़क गई थी। 

क्‍यों आई WTI Crude Futures में ऐतिहासिक गिरावट

ब्‍लूमबर्ग ने आरबीसी कैपिटल मार्केट्स के ग्‍लोबल एनर्जी स्‍ट्रेटजी के मैनेजिंग डायरेक्‍टर माइकल ट्रान के हवाले से कहा है कि अमेरिका में रिफाइनर्स ऐतिहासिक स्‍तर पर तेल के बैरल को लौटा रहे हैं। और अमेरिका में स्‍टोरेज का स्‍तर चरम पर होने के कारण जबतक कोरोना वायरस का कहर खत्‍म नहीं हो जाता या तेल की कीमतें अपने निम्‍नतम स्‍तर तक नहीं पहुच जातीं, तबतक बाजार के कारकों के कारण तेल की कीमतों में गिरावट जारी रहेगी।

कोरोना वायरस के प्रकोप और ओपेक प्‍लस के वास्‍तविक समझौते के टूटने कारण इस साल की शुरुआत से ही क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला जारी है। इस परिस्थिति में फिलहाल किसी तरह का बदलवा न होने और तेल उत्‍पादकों द्वारा बाजार में लगातार तेल की आपूर्ति किए जाने के कारण वैसे कारोबारी जिनके पास क्रूड ऑयल के भंडारण की क्षमता नहीं है, इसकी जबरदस्त बिकवाली कर रहे हैं।

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