सीकर. राजस्थान के सीकर जिला कलक्टर अविचल चतुर्वेदी ने मानव धर्म से कोरोना को मात देने की अनूठी बानगी पेश की है। कलक्टर चतुर्वेदी को शुक्रवार रात ढाई बजे एक फोन आया था। जिसमें सांवली स्थित कोविड अस्पताल में एक मरीज की जिंदगी खतरे में बताते हुए उसके लिए तुरंत ऑक्सीजन रेगुलेटर की आवश्यकता बताई गई। इस पर कलक्टर तुरंत उठे और अपने घर पर ही रखा एक ऑक्सीजन रेगुलेटर लेकर तुरंत अस्पताल की तरफ अपनी गाड़ी दौड़ा दी। करीब पांच किलोमीटर दूर स्थित अस्पताल में रेगुलेटर लेकर पहुंचते ही अस्पतालकर्मियों ने तुरंत मरीज को ऑक्सीजन लगा दी। समय रहते ऑक्सीजन रेगुलेटर मिलने पर वहां मौजूद लोगों की भी सांस में सांस आई। दरअसल, खंडेला निवासी भामाशाह अमित शर्मा ने एक दिन पहले ही 20 ऑक्सीजन रेगुलेटर भिजवाए थे। इनमें से कुछ जिला कलक्टर की ओर से पहले ही सांवली अस्पताल को उपलब्ध करा दिए थे। इनमें से एक ऑक्सीजन रेगुलेटर घर रखा हुआ था जो कलक्टर ने जिंदगी बचाने के लिए तुरंत मरीज को उपलब्ध करवा दिया। जनहित में उनकी सजगता को इस दौरान सभी ने सराहा।
मरीज व परिजनों से की वार्तासांवली कोविड सेंटर पहुंचने के बाद भी कलक्टर ऑक्सीजन रेगुलेटर देकर ही तुरंत नहीं लौट आए। बल्कि उन्होंने वहां सभी मरीजों व परिजनों से भी बातचीत की। उनकी समस्याएं सुन निदान के लिए तुरंत आदेश- निर्देश भी दिए। तिमारदारों की शिकायत पर उन्होंने कोविड अस्पताल में सफाई व्यवस्था में सुधार के सख्त निर्देश दिए। किसी तरह की लापरवाही नहीं होने की हिदायत भी दी। उन्होंने कहा कि अब सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति नगर परिषद आयुक्त से रोजाना प्रमाणित करानी होगी।
मरीज अब नर्सिंग स्टेशन से पता कर सकेंगे अपनों के हाल
इस दौरान तिमारदारों ने कलक्टर को बताया कि साहब…हम घंटों तक अपनों के हाल जानने के लिए भटकते रहते हैं। लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता। इससे तनाव और बढ़ जाता है। इस पर कलक्टर ने वार्ड के बाहर नर्सिंग स्टेशन बनाने के निर्देश दिए। ताकि मरीज के परिजन अपनों के हाल जान सके।
मिसाल: कोरोना मरीज की जिंदगी खतरे में सुन रात 2.30 बजे ऑक्सीजन रेगुलेटर लेकर दौड़े कलक्टर
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